चित्रकूट जेल में शुक्रवार को गैंगवार में मारे गए शातिर अपराधी मेराज अली का शव शनिवार सुबह वाराणसी के अशोक बिहार कालोनी स्थित उसके आवास पर पहुंचा। शव आवास पर पहुंचते ही घर की महिलाएं दहाड़े मार कर रोने लगी। एहतियातन कई थानों की फ़ोर्स मौके पर तैनात थी। करीब आधा घंटा रुकने के बाद परिजन शव को लेकर गाजीपुर स्थित पैतृक गांव महेन के लिए रवाना हो गए। इस दौरान मेराज की शव यात्रा में बाइक और कारों का काफिला भी शामिल हुआ। 50 से अधिक बाइक और दर्जनों कारें शव यात्रा में चल रही थीं। मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज का शव उसके पैतृक गांव करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेन्द गांव लाया गया। गांव में जैसे ही शव एंबुलेंस से उतारा गया तो कोरोना महामारी को भूलकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े।
महेन गांव में स्थित उसके पुस्तैनी कब्रिस्तान में शाम पांच बजे की नमाज अदा करने के बाद शव को दफनाया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर से लेकर महेन गांव तक कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। रास्ते में भी जगह-जगह पुलिस तैनात है। वहीं मेराज के गांव महेन्द में एएसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया, सीओ मुहम्मदाबाद राजीव द्विवेदी सहित पांच एसओ अपने हमराहियों के साथ महेन्द गांव में तैनात हैं। एसपी डा. ओपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। शव भी कुछ देर में महेन्द गांव पहुंच जाएगा। शाम पांच बजे कब्रिस्तान में शव को स्वजनों द्वारा दफनाया जाएगा।
कोरोना महामारी को भूलकर कब्रिस्तान पर जुटी सैकड़ों की भीड़
कोरोना महामारी के चलते शासन-प्रशासन की ओर से जारी की गई कोरोना गाइडलाइन गाजीपुर में टूटती नहर आई। मेराज का शव जैसे ही उसके गांव पहुंचा तो ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। शव कब्रिस्तान पहुंचते-पहुंचते ग्रामीणों की संख्या बढ़ती गई। कुछ ही देर में कब्रिस्तान पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। इससे पहले बदायूं जिले में भी मुस्लिम धर्मगुरु की शव यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। यहां भी कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थीं। दिन में निकली शव यात्रा में शामिल हुए लोगों का पता प्रशासन और पुलिस को भी नहीं चल सका। शाम होते-होते प्रशासन और पुलिस हरकत में आए और इसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
14 मई को चित्रकूट जेल में हुई थी मेराज की हत्या
चित्रकूट जिले की रगौली जेल में शुक्रवार को आपसी झड़प में एक बंदी ने दो अन्य कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया था। जानकारी के अनुसार जेल में बंद कुछ कैदियों के बीच हुई आपसी झड़प के दौरान एक बंदी ने दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया। जेल के अंदर मारे गए तीनों कैदियों में अंशु दीक्षित, मेराजुददीन उर्फ मेराज अली और मुकीम काला शामिल हैं। बताया जा रहा है मेराजुददीन उर्फ मेराज अली मुख्तार अंसारी का करीबी था और डेढ़ महीने पहले ही बनारस जेल से चित्रकूट जेल लाया गया था।