जमानियां ब्लाक के बड़ेसर गांव के चक्का बांध स्थित गंगा नदी के तट पर छह वर्ष पूर्व लगभग 25 लाख रुपये की लागत से बना अंत्येष्टि स्थल बदहाली का शिकार हो गया। इस कारण क्षेत्र सहित पड़ोसी जनपद चंदौली गांव के लोग यहां के बजाय शव के अंतिम संस्कार के लिए दैत्रवीर बाबा और बलुआ घाट पर जाते हैं। जनप्रतिनिधि सहित उच्चाधिकारियों से ग्रामीण कई बार गुहार भी लगा चुके हैं फिर भी इसका स्वरूप आज तक नहीं बदला। पांच साल से यहां शवों का अंतिम संस्कार होना बंद हो गया है।
क्षेत्र के चक्का बांध, लमुई, बरुईन, असैचनपुर, गायघाट, देहुड़ी सहित अन्य गांव के अलावा पड़ोसी जनपद चंदौली के कजहरा, ककरैत, ढेड़गांवा, जलालपुर गांव के लोग पश्चिमी छोर पर शवों का दाह संस्कार करते थे। जब तक चिता पूरी तरह से नहीं जल जाती थी तब तक नदी के किनारे लोग बैठे रहते थे। पूर्ववर्ती सरकार में ग्राम सभा की ओर से चक्का बांध के पश्चिम तरफ अंत्येष्टि स्थल का निर्माण लाखों रुपये की लागत से कराया गया। शवों को जलाने के लिए बना चबूतरा, छह शौचालय और बरसात में शव को जलाने के लिए टीन शेड के दो हाल का निर्माण कराया गया है, जो वर्तमान समय में पूरी तरह बदहाल है। हाल के टीन शेड उखड़ गए हैं।
बाउंड्रीवाल टूट कर गिर गया है। शौचालय की स्थिति बद से बदतर है। सबसे अहम बात यह है कि अंत्येष्टि स्थल को जाने के लिए सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है, न ही गंगा नदी में उतरने के लिए सीढ़ी बनवाई गई है। इससे भी लोग यहां आने से कतराते हैं। वहीं ग्रामीण भी अंत्येष्टि स्थल के हाल व अगल बगल शौच को जाते हैं। ग्रामीण सुनील गिरी, विवेक तिवारी, प्रदुम्न गिरी, गौरीशंकर तिवारी आदि का कहना है कि अगर अंत्येष्टि स्थल का बदहाल स्वरूप बदल जाए तो काफी सहूिलयत होगी। इधर, तहसीलदार घनश्याम ने बताया कि अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।