अध्यात्म की नगर काशी में पर्यटन को बढ़ावा देने लिए चलने वाला जलयान बुधवार को उड़ीसा से पश्चिम बंगाल को चल दिया। जलयान 26 दिसंबर को हलदिया पहुंचने के साथ 31 दिसंबर तक बनारस पहुंच जाएगा। वहीं, अस्सी और राजघाट टिकट काउंटर भी बनकर तैयार हो गया है। अन्य कामों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। जिला प्रशासन की कोशिश है कि जनवरी माह के अंत तक गंगा की लहरों में जलयान दौडऩा शुरू कर दे।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। मंदिर का विकास गंगा घाट तक किया जा रहा है जिससे पर्यटक मंदिर को सीधे देख सकें। बजड़े की तरह जलयान में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। निचला मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित होगा। खासियत यह है कि जलयान के चारों तरफ से खुला रहेगा जिससे पर्यटकों गंगा और घाटों की सुंदरता देखने में कोई दिक्कत नहीं हो।
बोले अधिकारी
पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना से 10.71 करोड़ में जलयान संग अस्सी और राजघाट पर संचालन की व्यवस्था की गई है। दोनों घाटों पर टिकट काउंटर के साथ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। गोवा से समुद्र के रास्ते केरल होते कोलकोता पहुंची। बुधवार को जलयान उड़ीसा से चल दिया जो पश्चिम बंगाल होते हुए 26 दिसंबर को हलदिया पहुंचेगा। 31 दिसंबर तक जलयान बनारस पहुंच जाएगा।