दिलदारनगर से ताड़ीघाट के बीच चलने वाली डीटी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन नौ माह से बंद होने से जिला मुख्यालय जाने वाले क्षेत्रीय लोगों को परेशानी हो रही है। अधिवक्ताओं ने बुधवार को दानापुर मंडल के डीआरएम को पत्र भेजकर जनहित में ट्रेन चलाने की गुहार लगाई है। अधिवक्तता धीरेंद्र सिंह, आलोक श्रीवास्तव, शरद कुमार आदि ने कहा कि डीटी पैसेंजर ट्रेन के नहीं चलने से जिला मुख्यालय जाने में काफी परेशानी हो रही है। सड़क मार्ग से किराया तो अधिक लग रहा है और समय भी ज्यादा जा रहा है। ऐसे में कोई कार्य भी नहीं हो पा रहा है। अगर रेलवे इसका संचालन शुरू कर देता तो सभी को सहूलियत होती। लोगों ने मंडल के डीआरएम से डीटी पैसेंजर ट्रेन को चलाने की मांग की है। चेताया है कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो विवश होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में बीते मार्च माह में दिलदारनगर से ताड़ीघाट के बीच चलने वाली डिटी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन रेलवे ने बंद कर दिया था। नौ माह बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं शुरू हुआ। ऐसे में लोगों को सड़क मार्ग से जिला मुख्यालय जाने में ढाई से तीन घंटे का समय लग जाता है और जेब भी ढीली हो जाती है। वहीं पैसेंजर ट्रेन सरहुला, नगसर, सोनवल होते हुए ताड़ीघाट जाती थी। पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग
करीमुद्दीनपुर: स्थानीय रेलवे स्टेशन पर क्षेत्रीय लोगों ने मंडल रेल प्रबंधक एनईआर वाराणसी को संबोधित पत्रक करीमुद्दीनपुर स्टेशन मास्टर तौकिर अहमद को सौंपा। इस दौरान पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग की गई। ग्रामीणों का कहना था कि करीमुद्दीनपुर रेलवे स्टेशन के आसपास लगभग आठ किमी की परिधि में 26 गांवों के यात्री ट्रेन के सहारे यात्रा करते हैं। कोरोना काल के दौरान सभी ट्रेनें बंद हो गई हैं। छपरा-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन के न चलने से परेशानी बढ़ गई है। पत्रक सौंपने वालों में जितन राय, विजय शंकर तिवारी, विनोद राय, जयप्रकाश राय, प्रवीण राय आदि थे।