प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने में लगी रेलवे की फिर लापरवाही सामने आई है। शुक्रवार की सुबह टूंडला स्टेशन पर अचानक मजदूर ट्रेन से उतर गए। बिना किसी सूचना के यात्रियों के पहुंचने से अफरातफरी सी मच गई। जीआरपी ने सूचना देकर प्रशासन की टीम बुलवाई और सभी को रोककर पहले भोजन के पैकेट दिए। इसके बाद रोडवेज की बसों से सभी प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का इंतजाम किया। अचानक इतने सारे प्रवासी एक साथ आने से जिला प्रशासन में अफरा तफरी मच गई। प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ उन्हें भोजन उपलब्ध कराकर गंतव्य तक भेजने के इंतजाम को जिला प्रशासन ने चुनौती की तरह लिया।
दरअसल दिल्ली कानपुर रेल मार्ग से गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का टूंडला जंक्शन पर ठहराव दिया गया है। नियम यह है कि यदि किसी स्टेशन पर मजदूर उतरेंगे तो वहां के प्रशासन को सूचना दी जाएगी, ताकि उनके लिए बसों का इंतजाम पहले से हो। शुक्रवार सुबह मजदूरों के आने की कोई सूचना नहीं थी। इसलिए प्रशासन के कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर भी नहीं थे। सुबह 7.05 बजे लुधियाना श्रमिक स्पेशल ट्रेन टूंडला जंक्शन पर रुकी की तो उसमेंं से 99 यात्री उतरे। उनसे पूछा गया तो बताया कि उन्होंने तो टूंडला तक का ही टिकट बुक किया था, जबकि उन्हें मिर्जापुर की टिकट दी गई। ऐसे में जीआरपी ने जिला प्रशासन को सूचित किया।
सूचना मिलते ही तहसीलदार गजेंद्र सिंह टीम के साथ पहुंच गए। उन्होंने बताया कि बिना सूचना के 99 श्रमिक उतरे हैं। इन्हें स्टेशन पर खाना देकर बिठाया है। सभी को बसों से उनके गंतव्य को रवाना किया जा रहा है। एटा के रहने वाले मिथुन ने बताया कि उन्होंने अलीगढ़ के लिए टिकट बुक कराया था लेकिन टिकट मिर्जापुर का देकर लुधियाना से ट्रेन में बिठाया गया। यात्रियों ने बताया कि रात 11 बजे ट्रेन रवाना हुई थी। सुबह लगभग चार बजे दिल्ली में पोहे मिले थे।