एक महीने 19 दिन बाद रेलवे ट्रैकों पर पंद्रह जोड़ी स्पेशल ट्रेन आज से दौड़ने लगेगी, लेकिन इसमें से एक भी ट्रेन का ठहराव मीरजापुर स्टेशन पर नहीं होगा। ये ट्रेनें केवल महत्वपूर्ण स्टेशनों पर रुकेंगी। जनपद के स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकने से लोगों में मायूसी है। लोगों ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय काफी सराहनीय है लेकिन मायूसी भी है। क्योंकि छोटे स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी तो यहां आने वाले प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घरों तक पहुंच पाएंगे, उन्हें तो सुविधा मिलने के बावजूद पहले की जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
देश के विभिन्न प्रांतों में काम करने वाले श्रमिकों व उनके परिजनों समेत अन्य लोगों को जैसे पता चला कि रेलवे विभाग 12 मई से ट्रेन को चला रही है तो उनमें खुशी की लहर दौड़ पड़ी, और वे आनलाइन टिकटों की बुकिग कराना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही पता चला कि विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली ट्रेन केवल महत्वपूर्ण स्टेशन जैसे प्रयागराज, मुगलसराय लखनऊ आदि महानगरों के स्टेशनों पर ही रुकेंगी। छोटे स्टेशनों पर ठहराव नहीं होगा तो उनमें मायूसी छा गई। फिर भी उनके अंदर एक तसल्ली रही कि चलो रेलवे ने ट्रेन तो चलाना शुरू किया इससे कम से कम उनके परिजन अपने जिले के नजदीकी स्टेशन तक तो पहुंच जाएंगे जहां से उन्हें हजार किमी की दूरी तय करने के बजाय कुछ ही दूरी तय करनी पड़ेगी।
स्थानीय रेल अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी कारण ट्रेन रुक भी गई तो पूरी तैयारी की गई है कि किसी प्रकार की परेशान नहीं होगी। स्टेशन अधीक्षक रवींद्र कुमार ने बताया कि मीरजापुर में ट्रेन ठहराव की कोई सूचना नहीं आई है लेकिन सुरक्षा के दृष्टि से पूरी तैयारी कर ली गई है। सीएमआइ एसके अकेला ने बताया कि मीरजापुर के अगर यात्री होंगे तो वे डीडीयू स्टेशन या प्रयागराज स्टेशन तक आएंगी लेकिन मीरजापुर स्टेशन पर रुकने के लिए कोई सूचना नहीं है।