विपक्षी पार्टियों को दिल्ली-पटना के बीच सिर्फ राजधानी एक्सप्रेस का चलना नहीं सुहाया। पार्टियों ने केंद्र सरकार के इस फैसले के हवाले उसकी प्राथमिकता को परिभाषित किया। कहा-असल में उसकी प्राथमिकता में गरीब हैं ही नहीं। उनकी मांग रही कि सिर्फ एसी क्यों, सभी तरह की ट्रेनें चलें, ताकि सबकी आवाजाही हो सके। इधर, जदयू ने इसे लॉकडाउन के एग्जिट प्लान की शुरुआत कहा।
यह लॉकडाउन का एग्जिट प्लान है : जदयू
जदयू, रेल मंत्रालय द्वारा देश में 15 स्थानों के लिए दिल्ली से ट्रेन सेवा शुरू किए जाने को लॉकडाउन एग्जिट प्लान के रूप में देख रहा है। सोमवार को प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जनता को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। भले ही अभी सिर्फ एसी ट्रेन सेवा शुरू की गई है, लेकिन केंद्र सरकार जल्द ही सामान्य मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग वाले लोगों को ध्यान में रखकर अन्य ट्रेनों का भी परिचालन शुरू करेगी। एसी ट्रेनों के परिचालन को प्रयोग के तौर पर देखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार आने के इच्छुक सभी प्रवासियों को 7 दिनों के भीतर वापस लाने का आदेश दिया है। यह स्वागतयोग्य फैसला है। कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी से पूरा विश्व परेशान है। ऐसी स्थिति में भी बिहार में नीतीश कुमार ने आपदा पीड़ितों को बड़े पैमाने पर राहत पहुंचाकर देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है।
बाहर फंसे हर व्यक्ति के बारे में गंभीरता से सोचे सरकार
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा कि एक तो लोगों के बाहर से लाने में विलंब किया गया। व्यवस्था शुरू भी हुई तो मामूली लोगों को ही लाने के बारे में सोचा जा रहा है। अगर समय रहते पहले ही 1000 से अधिक ट्रेन की व्यवस्था हो गई होती तो प्रवासी लौट जाते और कोरोना को रोकने में मदद मिलती। सरकार हर फंसे लोगों के बारे में गंभीरता से सोचे और उनको लाने की मुकम्मल व्यवस्था करे।
सरकार की प्राथमिकता में गरीब-मध्यम वर्ग नहीं
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन की अनुमति देकर एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी प्राथमिकता में देश का मध्यमवर्ग और गरीब लोग नहीं है। संकट के इस दौर में जब पूरा मध्यम वर्ग आर्थिक परेशानी झेल रहा है, ऐसे में सिर्फ राजधानी एक्सप्रेस को अनुमति देना ठीक नहीं है। सरकार को स्लीपर और श्रमिक स्पेशल ट्रेन की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है, न ही किसी पार्टी से विमर्श किया गया है। रेलवे ने अपने संसाधनों व ट्रायल के लिए एसी ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है।
सभी श्रेणियों की ट्रेनें चलें
भाकपा माले के कुणाल, भाकपा के सत्यनारायण सिंह व माकपा के अवधेश कुमार ने कहा कि सरकार को गरीबों को बिल्कुल ही फिक्र नहीं है। एसी ट्रेन ने महंगा किराया देकर गरीब सफर नहीं कर सकते। सरकार एक्सप्रेस ट्रेन चलाए, जिसमें सभी श्रेणी की बोगियां हों। सरकार को सिर्फ अमीरों की चिंता है, गरीब-मजदूरों की नहीं। उन्हें सहायता नहीं दी जा रही।
सभी वर्ग के याित्रयों का ध्यान रखे रेल मंत्रालय
प्रदेश रालोसपा के मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि सिर्फ एसी ट्रेन चलाना ठीक नहीं है। रेल मंत्रालय सभी वर्ग के यात्रियों का ध्यान रखे। एसी ट्रेन का किराया देने में गरीब सक्षम नहीं हैं। सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराते हुए सभी श्रेणी के यात्रियों की ट्रेन में व्यवस्था हो।