गुरुवार को दिल्ली से आई स्पेशल ट्रेन से महज 258 प्रवासी कामगार बलिया रेलवे स्टेशन पहुंचे। श्रमिक स्पेशल ट्रेन की सुविधा को लेकर सरकार और विपक्ष के लोग भले ही राजनीति में लगे हों कितु यह स्पष्ट हो गया है कि इस ट्रेन से श्रमिकों कां मोह भंग होने लगा है। इसका कारण है, ट्रेन के अंदर सुविधाओं का अभाव। इस ट्रेन में जब कामगार सवार होते हैं तो उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसी क्रम में 58 बसों से 1300 प्रवासी श्रमिक भी बलिया पहुंचे।
-सुविधाओं के अभाव में हो रही मौत
रेलवे या सरकार के लोगों की इस अनदेखी के कारण कई कामगारों की मौत ट्रेन में सुविधा के अभाव में हो गई। गत दिवस बिहार जा रही दो ट्रेनों में एक-एक श्रमिक मौत के मुंह में समा गए। उनमें से एक नेपाल और दूसरा छपरा बिहार का निवासी था। इसके अलावा बलिया के बैरिया तहसील के एक श्रमिक की भी मौत हो गई। बैरिया के मधुबनी गांव का निवासी वह कामगार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जौनपुर उतरा था, वहां से बस से बलिया आते वक्त मौत के मुंह में समा गया। इसके बावजूद भी रेलवे या सरकारी व्यवस्था संभालने वाले लोग ट्रेनों के अंदर की सुविधाओं को सुधारने के प्रति सचेत होते नहीं दिख रहे हैं।