इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अजान को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अजान इस्लाम का अहम हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है। गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद अफजाल अंसारी की अजान पर रोक के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया है। इस मामले में 05 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अजान इस्लाम का जरूरी हिस्सा हो सकता है लेकिन लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं हो सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी हालत में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दे सकता।
जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की बेंच ने कहा कि मुअज्जिन बिना किसी लाउडस्पीकर या अन्य उपरकण के अपनी आवाज में मस्जिद से अजान पढ़ सकता है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जारी राज्य सरकार के दिशानिर्देश के बहाने इस तरह से अजान पढ़ने को नहीं रोका जा सकता है। याचिकाकर्ता सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद और वरिष्ठ अधिवक्ता वसीम ए कादरी ने लाउडस्पीकर के जरिए मुअज्जिन द्वारा अजान पढ़ने की इजाजत मांगी थी।