महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन चार साल बाद शोध अध्यादेश में बदलाव करने जा रहा है। नए शोध अध्यादेश में यूजीसी के नए निर्देशों को शामिल किया गया है। पूर्व का शोध अध्यादेश राजभवन की ओर से जारी था। कई विश्वविद्यालयों यूजीसी के निर्देशों के मुताबिक अपने नियम बदल लिए हैं। मगर काशी विद्यापीठ में ऐसा नहीं हो सका है।
शोध अध्यादेश तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों की एक समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट गुरुवार को होने वाले विद्यापरिषद की बैठक में रखी जाएगी। अगर विद्यापरिषद ने बिना किसी संशोधन को इसको स्वीकृति प्रदान कर दी तो उसे फिर राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन की मंजूरी के बाद ही उसे लागू किया जाएगा। यह शोध अध्यादेश सम्बद्ध कॉलेजों पर भी लागू होगा।
सूत्रों के मुताबिक पंजीकरण, मूल्यांकन, गाइड बनने और परीक्षण की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। यही प्रक्रिया अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू है। शिक्षकों का मानना है कि जो भी बदलाव होगा अगले सत्र से लागू होगा। नया शोध अध्यादेश लागू होने के बाद होने वाली शोध की प्रवेश परीक्षा नए नियमों से संचालित होगी। काशी विद्यापीठ में गुरुवार को होने वाली विद्यापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है। इसमें नए कोर्स, संशोधित और एकीकृत पाठ्यक्रम, प्राइवेट परीक्षा समेत कई मुद्दे शामिल हैं।