गाजीपुर: देशभर में कोरोना संक्रमण का दंश सबसे अधिक मजदूर वर्ग ने झेला है। अपने काम से भगाए गए और आशियाने से निकाले गए खाली पेट पैदल सैकड़ों किमी दूर घरों को लौटने को विवश हो गये। जनपद के सीमा पर सिधौना स्थित गोमती पुल पर ट्रक में छिपकर जा रहे चार दर्जन मजदूरों को पुलिस ने रोका। ट्रक में तिरपाल के नीचे छिपकर जा रहे मजदूरों को जब पुलिस ने नीचे उतारा तो सभी मजदूर डर के मारे कांप उठे।
हालांकि जिला प्रसाशन ने सभी मजदूरों का थर्मल जांच कराकर उन्हें उनके गंतव्य की ओर भेज दिया। जागरण टीम से अपनी व्यथा बताते हुए मजदूरों ने कहा कि पूणे से छह दिन पूर्व चले हैं और रास्ते भर पुलिस की गाली और लाठी खाते हुए छिप छिपाकर यहां तक पहुंचे है। तीन दिन से पानी के अलावा कंठ में कोई निवाला नहीं गया है। हम लोगों के पास जो भी पैसे थे उसे जोड़कर किराया खर्च कर घर जा रहे हैं। सभी मजदूर मऊ, देवरिया, बलिया के थे।
कंटेनर में 27 लोगों के मिलने पर हड़कंप
दुल्लहपुर : थाना क्षेत्र के जलालाबाद शहीद चौक पर सोमवार को कंटेनर में 27 लोग मिलने से हड़कंप मच गया। अभी पुलिस टीम पूछताछ में जुटी थी, तभी एक डीसीएम में 50 और लोग आने पर हलचल मच गई। उपनिरीक्षक सुरेंद्र यादव ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। वाहनों में आए लोगों ने बताया कि महाराष्ट्र में काम करते थे।
कंपनी बंद होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारियों के निर्देश पर सभी लोगों को जिला मुख्यालय क्वारंटाइन सेंटर लाया गया। बिरनो : बोगना गांव के 33 लोगों को पुलिस ने सैदपुर के पास पकड़ लिया। वे लोग ट्रक भाड़े पर करके मुंबई से अपने घर बोगना आ रहे थे। थर्मल स्कैनिग के दौरान 15 संदिग्ध मिलने पर क्वारंटाइन कर दिया गया। जबकि 18 लोगों को बोगना गांव के प्राथमिक विद्यालय में रखा गया।