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लॉकडाउन में अनुमति के बाद भी पैक्स केंद्रों पर किसानों का पहुंचना मुश्किल



कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जिले में जारी लॉकडाउन से गेहूं की खरीद पर पहरा सा लग गया है। अनुमति के बाद भी किसानों को जहां क्रय केंद्रांे पर पहुंचने में मुश्किल हो रही है वहीं बिचौलिए औने-पौने दाम पर खरीदारी कर चांदी काट रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सरकार ने पहले ही गेहूं अधिग्रहण के लिए निर्देश जारी कर दिया है। प्रशासन भी उसका मुकम्मल इंतजाम कर रखा है। बावजूद इसके लॉकडाउन में सख्ती के कारण किसान क्रय केंद्राें पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा बनाए गए गेहूं अधिप्राप्ति की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि किसान पैक्स केंद्रों पर गेहूं बेचने के बजाए आसानी से बिचौलियों के हाथ ही गेहूं बेच रहे हैं। इतना ही नहीं बाजार तथा पैक्स में गेहूं की भाव लगभग समान होने के कारण किसान सरकारी पेच में नहीं पड़ना चाहते हैं और हाथों-हाथ गेहूूं बेचकर बिचाैलियों से पैसा लेना ही हितकर मान रहे हैं। कुछ किसानों से गेहूं की खरीदारी तो की गई है किंतु इससे सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा होने की संभावना नहीं है। वहीं बिहार सहकारिता बैंक के अध्यक्ष रमेश चंद्र चाैबे ने सरकार को पत्र लिखकर गेहूं की कीमत बढ़ाने की मांग की है ताकि किसान पैक्स केंद्रों पर अपनी गेहूं बेच सके। हालांकि सरकार ने गेहूं अधिप्राप्ति की तिथि 20 अप्रैल से 15 जुलाई तक निर्धारित की है किंतु सोचने वाली बात है कि कोरोना संकट में कोई भी साधारण किसान भारी मात्रा में गेहूं का भंडारण कर नहीं रख सकता है लिहाजा फिर से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि जिले में सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य अधूरा ही रह जाएगा। बालम गढ़िया पैक्स अध्यक्ष भूषण कुमार ने बताया कि गेहूं प्राप्ति का न्यूनतम लक्ष्य सात लाख मैट्रिक टन है। लिहाजा 170 पैक्सों व व्यापार मंडल को कम से कम 720 क्विंटल गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया है। सहकारिता विभाग की माने तो गेहूं अधिग्रहण की तिथि घोषित होने के बाद जिले के 10 प्रखंडों के 49 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए आवेदन किया था। इसमें से केवल 19 किसानों को ही स्वीकृति मिली है। यानी सरकारी नियम इतना कठिन है कि पैक्स में गेहूं बेचना किसानों के लिए महंगा साबित हो रहा है।
24 अप्रैल की रिपोर्ट को देखे तो उस दिन तक आलमनगर से एक, घैलाढ़ से तीन, कुमारखंड से चार, बिहारीगंज, मधेपुरा, गम्हरिया तथा ग्वालपाड़ा से पांच-पांच, शंकरपुर से आठ तथा सिंहेश्वर से नौ किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इसमें से केवल 19 किसानों का आवेदन स्वीकृत किया गया। जबकि 23 का अस्वीकृत व 30 किसानों का आवेदन सत्यापन के लिए लंबित है।

निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा
लॉकडाउन के कारण किसानों को केंद्रों पर गेहूं ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन टूटने के साथ की किसान भंडारित गेहूं संबंधित पैक्स केंद्रों पर ले जाएंगे। यही कारण है कि गेहूं अधिप्राप्ति की अवधि जुलाई तक दी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी।
अरविंद कुमार पासवान, जिला सहकारिता पदाधिकारी, मधेपुरा


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