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संगम माघ मेले में शराबी और कबाबी पुलिसवालों की नहीं लगेगी ड्यूटी, हिंदी के साथ अंग्रेजी बोलने वालों को वरीयता

संगम की रेती पर 14 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होने जा रहे माघ मेले में नान एल्कोहलिक और नॉनवेज न खाने वाले पुलिसकर्मियों की ही तैनाती की जाएगी. इसके साथ यह भी देखा जाएगा कि उनका आचरण भी अच्छा हो. लेकिन अगर माघ मेला ड्यूटी के दौरान उनके द्वारा शराब का सेवन या फिर नॉनवेज खाने की कोई शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि मेला ड्यूटी से हटाकर उन्हें वापस उनके मूल जिले में भेज दिया जाएगा. एसपी माघ मेला राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक माघ मेला एक बड़ा धार्मिक आयोजन है. इसलिए यह देखा जाता है कि मेले में आने वाले पुलिसकर्मियों का आचरण और अनुशासन उच्च कोटि का हो.

माघ मेला एसपी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक माघ मेले में सिविल पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री को मिलाकर 5000 फोर्स मेले की सुरक्षा में तैनात की जा रही है. मेले में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाते समय ही संबंधित जिलों, इकाइयों और पीएसी के कमांडर को यह जानकारी दे दी जाती है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को ही ड्यूटी पर भेजा जाए जो धार्मिक प्रवृत्ति के हो और मेले में ड्यूटी करना चाहते हो. उन्होंने कहा है कि पहले ही संबंधित जिलों, संगठनों और इकाइयों को यह कहा जाता है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को मेला ड्यूटी में भेजा जाए जो जो कि एल्कोहल का सेवन न करते हों या अवसाद व अन्य बीमारियों से ग्रसित हो उन्हें मेले में न भेजा जाए.

इन्हें मिलेगी वरीयता

इसके साथ ही साथ मेले में उन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में वरीयता दी गई है, जिन्होंने पहले माघ मेले या कुंभ मेले में ड्यूटी की है. पुलिसकर्मियों को इस बात की भी साफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है, कि किस तरह से उन्हें मेले में आने वाले साधु-संतों, श्रद्धालुओं और कल्प वासियों से अच्छा व्यवहार करना है. मेला एसपी राजीव नारायण मिश्रा के मुताबिक मेले की ड्यूटी पुलिसिंग से बिल्कुल अलग तरह की है. इसलिए मेले में आने वाले पुलिसकर्मियों को बिहैवियर ट्रेनिंग भी दी जा रही है. मेले में अलग-अलग तरह की फोर्स आती है. 

इसलिए उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके इसके लिए भी उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. यह ट्रेनिंग आउटडोर और इंडोर दोनों तरह से दी जाती है. आउटडोर ट्रेनिंग में फिजिकल ट्रेनिंग एक्सरसाइज और योगा कराया जाता है. जबकि इंडोर ट्रेनिंग में सॉफ्ट स्किल यानी व्यवहारिक कौशल की ट्रेनिंग दी जाती है. एसपी माघ मेला के मुताबिक मेले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं, ऐसे में इस तरह के पुलिसकर्मियों को भी वरीयता दी जा रही है जो बाइलिंगुअल हैं, उन्हें हिंदी के साथ अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान है. वे अंग्रेजी बोलने में भी सक्षम हैं.

सीसीटीवी कैमरे से होगी निगरानी

माघ मेला एसपी के मुताबिक माघ मेले में इस बार 13 थाने 36 पुलिस चौकियां और 13 फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ पूरे मेले की सुरक्षा के लिए तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. पहली बार मेले में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर लगभग 200 की जा रही है ताकि मेले के हर क्षेत्र पर पैनी निगाह रखी जा सके. माघ मेले में पांच ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जाएगी.

माघ मेले में कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिसकर्मियों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जा रही है कि वे लोगों को मास्क पहनने के लिए भी जागरूक करें और अनिवार्य रूप से लोगों से कोविड प्रोटोकॉल भी पालन कराएं. इसके साथ ही साथ इस बार माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ विभाग की टीमों द्वारा थर्मल स्कैनिंग भी कराई जाएगी.

स्नान घाटों का विस्तार

मेले में कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्नान घाट भी का भी विस्तार किया गया है. स्नान घाट पिछले वर्षों में जहां 5 किलोमीटर बनता था. इस साल उसे बढ़ाकर 6 किलोमीटर कर दिया गया है. एसपी माघ मेला के मुताबिक माघ मेले में आने वाले सभी 5000 पुलिसकर्मियों का कोविड टेस्ट कराया जा रहा है और इनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही इनसे माघ मेले में ड्यूटी ली जाएगी.

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