विद्युत मजदूर पंचायत संगठन के बैनर तले जिले के मीटर रीडरों ने मंगलवार की शाम अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनके कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की गई। अधीक्षण अभियंता चंद्रभान सिंह ने तत्काल निजी कंपनी के पदाधिकारियों को बुलाया। इसके बाद कुछ मुद्दों पर सहमति बनी, तब मीटर रीडर शांत हुए।
प्रदेश अतिरिक्त प्रांतीय महामंत्री निर्भय सिंह ने कहा कि कई बार अधीक्षण अभियंता को दूरभाष से मीटर रीडरों की समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाया गया। पूर्व में छंटनी किए गए सुपरवाइजरों को तत्काल बहाल किया जाए। अधीक्षण अभियंता ने निजी कंपनी के पदाधिकारियों संग वार्ता कराई। सहमति के अनुसार 12 नवंबर तक सर्किल मैनेजर पद पर नवनीत त्रिपाठी रहेंगे, इसके बाद 13 नवंबर से नए सर्किल मैनेजर को कंपनी नियुक्त करेगी।
जल्द ही ग्रामीण क्षेत्र में 1200 प्रति माह व अर्बन में 1500 बिलिग कराने का आदेश सर्किल आफिस आ जाएगा। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि सरकार की ओर से दीवाली पर्व पर मानदेय देने का निर्देश दिया गया है, मगर कंपनी का पेमेंट अभी डिस्काम आफिस से पास नहीं हुआ है। जैसे ही बिल पास हो जाता है तो इसी माह में सभी रीडरों के खाते में दो माह का मानदेय भेज दिया जाएगा।
सभी रीडरों का डीडी इसी माह के अंत तक वापस कर दिया जाएगा। जिला संरक्षक शिवदर्शन सिंह ने कहा कि मीटर रीडरों का कंपनी की ओर से श्रम विभाग के मुताबिक न्यूनतम मजदूरी 12 हजार रुपये प्रति माह दिया जाए। साथ ही पेट्रोल भत्ता मिलना चाहिए। ज्वाइनिग लेटर सभी रीडरों को दिया जाए। सभी मांगों पर भी 13 नवंबर तक सहमति बन जाएगी। जिलाध्यक्ष अरविद कुशवाहा, जिला मंत्री विजयशंकर राय, अजय विश्वकर्मा, जेपी बाबू, जिलाध्यक्ष विनय तिवारी, संविदा मस्टरोल संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश सिंह, सुपरवाइजर शशिकांत भारती, शिवशंकर कश्यप आदि थे।