ग्राम प्रधानों का वित्तीय अधिकार 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। शासन की ओर से प्रशासक की तैनाती करने की योजना है। महज आठ दिन कार्यकाल बचा है। ऐसे में पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा करा चुके ग्राम प्रधानों की धुकधुकी भुगतान न होने से बढ़ गई है। प्रधान ब्लाक व जिला के उच्चाधिकारियों के यहां भुगतान के लिए दौड़ लगा रहे हैं।
ब्लाक अंतर्गत कुल 83 ग्राम पंचायत हैं। इसमें 32 ग्राम पंचायतों में शौचालय व पंचायत भवन बनकर पूर्ण रूप से तैयार हो गया है। मकसूदपुर व लहुवार ग्राम पंचायत का भुगतान महज हुआ है। शेष 30 ग्राम पंचायतों का केवल आंशिक भुगतान ही हुआ है। ऐसे में ग्राम प्रधानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ झलक रही हैं। ईंट, सीमेंट, बालू व मजदूर भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं। ग्राम प्रधान जल्द ही भुगतान होने का आश्वासन दे रहे हैं। हालांकि 51 ग्राम पंचायतों में अभी पंचायत भवन व शौचालय का निर्माण कार्य चल रहा हैं।
अधिकारियों का कहना है कि धनाभाव के कारण भुगतान नहीं हो रहा है। प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष व मंझरिया गांव के प्रधान सियाराम यादव ने बताया कि सरकार के निर्देश पर गांवों में विकास कार्यो को रोक शौचालय व पंचायत भवन का निर्माण करा दिया गया लेकिन अब भुगतान के लिए दौड़ना पड़ रहा हैं।