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बलिया के शहीद लाल पवन सिंह को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई, 8 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी

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बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र के प्रधानपुर निवासी पवन सिंह, जो पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश वार्डर के कल्याणी जनपद के वनगांव में ड्यूटी के दौरान बीएसएफ के जवान थे, उन्होंने शनिवार को शहीद हो जाया। रसड़ा के प्रधानपुर गांव निवासी पवन सिंह (37), सुरेंद्र सिंह के पुत्र, का पार्थिव शरीर शनिवार को सायं 4.30 बजे गृह गांव प्रधानपुर लौटते ही पूरे गांववासी और आसपास के लोग शोक में डूब गए।

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सैकड़ों बाइक सवार युवकों ने तिरंगे सहित बाइक जुलूस निकाला और सिधागरघाट से ही भारत माता की जयकार व अमर रहे पवन सिंह के नारे बुलंद किए। इसके बाद वे रसडा नगर के राजधानी मार्ग बलिया लखनऊ की ओर बढ़े और प्रधानपुर गांव में पहुंचकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद को राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर से सलामी दी गई। इसके बाद, उनका अंतिम संस्कार प्रधानपुर टोंस नदी के घाट पर राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न किया गया।

पवन सिंह का शव घर लौटते ही परिवार के लोगों ने दहाड़कर रोना शुरू किया। जवान के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देखने के लिए दरवाजे के बाहर रखा गया, जहां सैकड़ों लोग आकर अंतिम दर्शन करने आए और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रशासन के प्रति एसडीएम रसड़ा सदानंद सरोज, क्षेत्राधिकारी मो. फहीम कुरैशी, प्रभारी निरीक्षक रामायण प्रसाद सिंह ने दल-बल के साथ पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित की। वहीं क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह के अनुज रमेश सिंह सहित हजारों की संख्या में लोगों ने अश्रुपूरित आंखों से जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सायं के समय, प्रधानपुर स्थित टोंस नदी के किनारे, शहीद जवान का पार्थिव शरीर लाया गया, जहां जवानों ने मातमी धून के बीच उन्हें गार्ड आफ आनर दी। तत्पश्चात, शहीद के आठ वर्षीय पुत्र शौर्य प्रताप सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दृश्य से हृदय को झकझोरने वाले, घाट पर मौजूद हजारों की आंखों में द्रवित दिखा। इसी क्रम में, शहीद के इमामिया इंटरमीडिएट कॉलेज के स्कूल परिवार और स्कूल के बच्चे मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। समाज सेवी जावेद वीरगति बॉर्डर ने शहीद के गांव मौके पर रहकर भी उनकी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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