सेवराई तहसील क्षेत्र के भदौरा ब्लाक परिसर में जल जीवन मिशन अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समूह की महिलाओं को गांव के पेयजल में आर्सेनिक की मात्रा व अन्य अशुद्धियों की जांच व उसके दूर करने के उपाय बताए गए।
प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ खंड विकास अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने किया। ग्राम पंचायतों से राजस्व ग्राम व पांच-पांच महिलाओं को पेयजल गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ महिलाएं अपने गांव में पीने के पानी के जल स्रोतों से नमूना लेकर उसकी जांच करेंगी।
ऐप डाउनलोड कराकर किए रजिस्ट्रेशन
जल प्रशिक्षक राम अविलास शर्मा ने महिलाओं को जानकारी देते हुए जल में कीट के माध्यम से रासायनिक जीवाणु और भौतिक जांच एवं उसके उपाय बताएं। इसके साथ ही जांच करने के लिए विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को उनके मोबाइल से जल जीवन मिशन ऐप डाउनलोड करा कर रजिस्ट्रेशन कराए गया।
गंदा पानी से होने वाली बीमारियां बताईं
जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत दो दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण राम अभिलाष शर्मा ने बताया कि जिले में पीने के गंदे पानी से बड़ी संख्या में बीमारियां फैल रही हैं। दूषित पेयजल से जल जनित बीमारियां हो रही हैं। इसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती हैं। दूषित पेयजल से बच्चों में डायरिया व अन्य संक्रामक बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है।
उबाल कर पानी पीने की दी गई सलाह
जल जनित रोगों से बचाव के लिए उन्होंने 20 लीटर पानी में एक कॉल रिंकी टेबलेट मिलाकर अथवा पानी को उबालकर पीने की सलाह दी है। ताकि इससे पानी के अंदर की अशुद्धियां खत्म हो जाती है और हमें स्वच्छ जल पीने के लिए उपलब्ध हो सकता है।प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से सुनीता देवी, कविता देवी, नीतू, कंचन, अर्चना, सोनी, स लोनी, आरती देवी, मंजू, प्रतिभा, रिंकू, दमयंती देवी आदि सहित कई समूह की जल सखी मौजूद रही।