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गाजीपुर जिले में 24 घंटे से गंगा नदी का जलस्तर स्थिर, राहत की आस

लगातार एक सप्ताह से बढ़ती गंगा पिछले 24 घंटे यानि बुधवार को स्थिर रहीं। गंगा के जल में मामूली बढोत्तरी दर्ज की गई जिसके चलते तटवर्ती इलाकों में राहत की आस जगी है। हालांकि प्रशासन इसे अभी तत्कालिक राहत मान रहा है जब तक किसी बांध से पानी नहीं छोड़ने की अधिकृत सूचना नहीं मिलती। गाजीपुर में 2013 में आई बाढ़ के अधिकतम बिंदु कुछ कम पर गंगा बह रही हैं। अगर फिर से पानी बढ़ना शुरू हुआ तो व्यापक पैमाने पर आबादी बाढ़ की चपेट में आ जाएगी।

गाजीपुर में बुधवार को गंगा का प्रवाह तेज रहा लेकिन जलस्तर स्थिर हो गया। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है, जो कुछ दिन स्थिर रहने की संभावना है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर अब घटने के साथ गाजीपुर में हालात सुधरने के भी आसार हैं। जलस्तर बढ़ने की आशंका से सहमे शहरी लोगों ने फिलहाल पानी स्थिर होने से राहत की सांस ली है। 

खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं गंगा-यमुना 1978 और 2013 में आई बाढ़ की याद दिला रही हैं। नदियों के आस-पास रहने वाले गांव और शहर के आसपास तटवर्ती इलाकों में जाकर सस्ती जमीनों पर घर बनाने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अपने ही शहर में लोग रिफ्यूजी की तरह रहने को मजबूर हैं। सैकड़ों की संख्या में प्रभावित लोग अपने रिश्तेदारों, परिचितों और शरणार्थी शिविरों में डेरा जमाए हुए हैं।

गंगा का बढ़ता जलस्तर और ग्रामीणों इलाकों में भरता पानी बाशिंदों की मुसीबत बना है। गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद क्षेत्र में कई बीघा फसल डूब जा रही है। दो दिन से लगातार रात में खेत देखकर घर लौटे किसानों को सुबह फसलें जलमग्न मिलीं, हालांकि बुधवार को राहत रही। गांवों में पानी घुसने के बाद 33 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। 

इसके अलावा 33 से अधिक गांव तक पानी की धारा ने रुख कर लिया है। हजारों की आबादी अब सामान समेटकर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में निकल पड़ी है। रेवतीपुर इलाके में कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। उनमें रहने वालों ने ऊपरी तल पर ठिकाना बनाया है। सेवराई, जमानिया, मुहम्मदाबाद और सैदपुर तहसील क्षेत्र के अलावा शहर में बंधवा इलाके में पानी घुस गया है। इसके अलावा कलेक्टर घाट, ददरीघाट, नवांपुरा घाट की सीढ़ियां भी डूब गई हैं। 

सेवराई, जमानिया, मुहम्मदाबाद और सैदपुर तहसील क्षेत्र के अलावा शहर में बंधवा इलाके में पानी घुस गया है। इसके अलावा कलेक्टर घाट, ददरीघाट, नवांपुरा घाट समेत शहर के गंगा किनारे के मुहल्ले के लोगों में धुकधुकी बढ़ी हुई है। बाढ़ से आम लोगों का जनजीवन भी प्रभावित होने लगा है। बुधवार रात आठ 8 बजे के आंकड़ों के मुताबिक गंगा खतरे के निशान से ऊपर लेकिन जलस्तर में स्थिर होकर बह रही है। जिले में गंगा 64.390 मीटर पर बह रही है, जिले में 63.105 मीटर पर खतरे का निशान है। ऐसे में बाढ़ को लेकर तटवर्तीय इलाकों में लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। हालांकि डीएम के निर्देश के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

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