सैदपुर नगर के मार्ग, सड़कों पर घूम रहे आधा टन वजनी दर्जनों आवारा सांडों की लड़ाइयों का अखाड़ा बन गए हैं। नगर की सड़कों पर आए दिन इनकी खतरनाक लड़ाइयों का नजारा आम होता जा रहा है। जिससे हर दिन दर्जनों दोपहिया और चार पहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। कभी-कभी इनकी खतरनाक लड़ाइयां व्यापारियों की दुकानों तक पहुंच जा रही हैं जिसके कारण, उन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोग बच्चों और बुजुर्गों को सड़कों पर भेजने में डर रहे हैं।
लोगों की गुहार के बाद भी नहीं चेत रहा है नगर पंचायत
अगर प्रशासन जल्द नगर की सड़कों से इन्हें नहीं हटाता, तो सड़कों पर कभी किसी दिन यह बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकते हैं। नगर निवासी अनुज, राकेश, ज्ञानेंद्र कुमार, पवन, सूरज आदि ने बताया कि नगर पंचायत से कई बार इनको यहां से हटाने की गुहार लगाई गई। जिसपर हमें लगातार यह आश्वासन मिलता रहा कि पशु चिकित्सक की मदद से इनको ट्रेंकुलाइज कर अन्यत्र ले जाया जाएगा।
लड़ते-लड़ते दुकानों में घुस जा रहे हैं सांड, कुचल दे रहे हैं वाहन
लेकिन आज तक इन्हें यहां से हटाया नहीं जा सका है। जिसके कारण आए दिन इनके बीच होने वाली भीषण लड़ाईयाें में ग्राहकों के वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। कभी-कभी यह लड़ते-लड़ते दुकानों में भी चले जा रहे हैं। जिससे दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। यह आपस में लड़ते समय एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो जा रहे हैं। चाहे जितने डंडे मारा जाए, कुछ भी किया जाए, इनकी लड़ाइयां बिना एक सांड के पीछे हटे नहीं रुक रहीं हैं।
बच्चे और बुजुर्गों को बाजार जाने में लग रहा है डर
नगर के सड़कों पर सांडो के उत्पाद को देखते हुए, लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। लोग बच्चों को पैदल स्कूल भेजने या सामान के लिए बाजार भेजने में डर रहे हैं। यही हाल बुजुर्गों का भी है। बुजुर्गों को भी नगर की सड़कों पर खतरा बना हुआ है। अधिशासी अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि कुछ सांडों को नगर से हटाया गया है। बचे हुए सांडों को भी हटाने का प्रयास किया जा रहा है।