खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे कहावत रेवतीपुर पुलिस पर सटीक बैठ रही है। पीड़ित के खिलाफ उल्टा एफआइआर दर्ज करने और उससे 75 हजार रुपये लेकर आरोपितों पर एफआइआर दर्ज करने का मामला उजागर हो गया तो थाने के थानाध्यक्ष तिलमिला गए हैं और अपनी कारस्तानी पर लज्जित होकर क्रोध में आकर पिछले दस दिनों से थाने में बंद सफारी की बुधवार को बिना इंश्योरेंस वाहन चलाने पर चालान कर दिया। उधर, एसपी ने पूरे प्रकरण को लेकर जांच बैठा दी है।
शहर कोतवाली के सकलेनाबाद दुर्गाचौक निवासी अनिल कुमार जायसवाल आठ सितंबर को बिहार के औरंगाबाद जा रहे थे कि उत्तरौली के पास पूर्व प्रधान अजय सिंह, संजय सिंह, दीपक सिंह उर्फ डब्लू व विकास सिंह मिलकर अनिल की जमकर पिटाई कर दी। इससे उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया। इनकी सफारी गाड़ी और सवा चार रुपये भी छीनने का भी आरोप है।
इस पर रेवतीपुर पुलिस आरोपितों के प्रभाव में पीड़ित के खिलाफ उल्टा एफआइआर कर दिया। दो दिन बाद दस सितंबर को पुलिस ने पीड़ित से 70 हजार खाते और पांच हजार रुपये नकद लेकर रिपोर्ट लिखने के साथ ही अजय सिंह के आवास से सफारी गाड़ी को बरामद कर थाने लाई। तभी से सफारी थाने में ही खड़ी है। बुधवार को पीड़ित ने एसपी से मिलकर अपनी व्यथा सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई।
एसपी ने रेवतीपुर एसओ काे कड़ी फटकार भी लगाई थी। सारा मामला उजागर होने के बाद रेवतीपुर पुलिस को कुछ ना सूझा तो सफारी का बिना इंश्योरेंस, मांगने पर डीएल, प्रदूषण प्रमाणपत्र व पंजीयन प्रमाणपत्र फेल दिखाने पर चालान कर दिया। अब सवाल यह है कि जब सफारी थाने में बंद है तो उसे चला कौन रहा था और थाने के एसआइ शाहिर सिद्दीकी ने किससे डीएल, प्रदूषण व पंजीयन प्रमाणपत्र मांगा था? उधर, एसपी रोहन पी बोत्रे ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।