जमानियां क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं फीकी साबित हो रही हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को डिजिटल मिनी अस्पताल बनाने की मंशा जिम्मेदारों की उदासीनता से फ्लॉप साबित हो रही है। जिसकी वजह से दूर गांवों में रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।
130 गांवों की आबादी हो रही प्रभावित
बता दें कि जमानियां क्षेत्र की आबादी करीब साढ़े तीन लाख है। यहां पर कुल 130 गांव हैं। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए शासन ने डेढ़ साल पहले पहल की थी। यहां करीब दो करोड़ की लागत से 32 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण होना था। आज डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी 10 सेंटरों का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है। जबकि 22 बनकर तैयार हैं। जिसमें से मात्र 7 सेंटर ही हैंडओवर किए गए। शेष 15 पर आज भी ताले लटक रहे हैं।
विनोद गुप्ता, सच्चिदानंद दूबे, मन्नौवर अंसारी, संजय दूबे, भगवती प्रसाद तिवारी आदि ग्रामीणों ने बताया कि इन सेंटरों का निर्माण बस कागजों पर ही हुआ है। ग्रामीणों को कुछ भी लाभ नहीं मिल रहा है।
डिजिटल तर्ज पर विकसित करना थी सरकार की मंशा
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को मिनी अस्पताल का स्वरूप देने की सरकार की मंशा है। इसका पूरा रखरखाव डिजिटल तरीके से करना है। इसको लेकर केंद्रों पर तैनात सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को विभाग ने आधुनिक उपकरण भी दिए थे, ताकि डाटा ऑनलाइन रहे। केंद्र पर आने वाले मरीजों की प्रोफाइल के साथ ही उनका आईडी बनाना और पूरा डाटा को डिजिटल तरीके से रखना है। इसके अलावा मरीजों का सीबैक फार्म, टेलीमेडिसिन की सुविधा भी प्रदान करने के साथ गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा भी उपलब्ध कराने की योजना है, लेकिन ये सब कागजों में चल रहा है।
इस संबंध में सीएमओ डाक्टर हरगोविंद सिंह ने बताया कि निर्माणाधीन हेल्थ एंड वेलने, सेंटरों का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। इन्हें भी हैंडओवर कर चालू करा दिया जाएगा। जो भी सेंटर बंद हैं, उसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।