अधिकारियों से वार्ता की विफलता और मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठे मीटर रीडरों ने काम की कमान फिर संभाल ली है। अधिशासी अभियंता द्वितीय ने एक सप्ताह के अंदर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मीटर रीडर काम पर लौट आए। मीटर रीडरों ने बताया कि उनका लक्ष्य विभागीय नेतागीरी या काम प्रभावित करना नहीं है बल्कि अपना अधिकार पाने के लिए ही धरना दिया। भुगतान हो जाएगा और मांगे मान ली जाए तो काम पर रहेंगे।
शनिवार को जिले के समस्त मीटर रीडरो ने राजस्व वसूली कार्य ठप कर आमघाट गांधी पार्क में अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। मीटर रीडरों का धरना देखकर अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर अधिशासी अभियंता द्वितीय आदित्य पांडेय स्थल पर पहुंचे और मीटर रीडरों से संवाद किया। वादा किया कि स्टार्लिंग कंपनी के जनरल मैनेजर मनोज त्रिपाठी से टेलीफोन पर वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने आश्वस्त करते हुए बताया कि सर्किल मैनेजर नवनीत त्रिपाठी को हटा दिया गया है।
उनके जगह पर नितिन सिंह को जिले में भेज दिया गया है। कहा कि सभी रीडरों की न्यूनतम मजदूरी 10568 रुपये कंपनी द्वारा तय किया गया है, जो मिलेगा और जितने भी पुराने रीडरों की आईडी बंद है, उन लोगो की आईडी सोमवार तक रिलीज कर दी जाएगी। बिलिंग टारगेट 1500 रूलर में एव 1800 अर्बन में तय कर दी गई हैं। बाकी जो भी मुद्दे बचे हैं, उसको भी एक सप्ताह के अंदर में सुलझा दिया जाएगा। इस आश्वासन पर सभी मीटर रीडर अपने-अपने काम पर लौट गए। धरना में मीटर रीडरों के जिलाध्यक्ष विनय तिवारी, शशिकांत भारती, वकील यादव, अश्विनी सिंह, अरविंद राम, तेजस्व राज, सत्यपाल सिंह, राकेश चौबे, मुकेश दुबे, सुजीत उपाध्याय, सुनील यादव, गिरधारी यादव, अभिषेक चौबे, अवधेश प्रसाद, पन्ना लाल, संजय, चंदन, योगेश, सुरेंद्र सहित जिले के समस्त मीटर रीडर मौजूद रहे।