दो माह पूर्व से वीरान पड़ा रेलवे स्टेशन के तीनों प्लेटफार्म तथा सर्कुलेटिग एरिया जल्द ही गुलजार होने वाला है और प्लेटफार्मों पर 'चाय-चाय' की आवाज भी गूंजेगी। टी स्टालों पर लोग चाय की चुस्की व ब्रेड मक्खन का स्वाद लेते हुए यात्री नजर आएंगे। साथ ही फिर से स्टेशन के बाहर आटो व कार की हार्न सुनाई देगी और कचहरी-कचहरी की आवाज आटो चालक लगाएंगे। हालांकि एक जून से आठ जोड़ी ट्रेनों के ठहराव होने की संभावना है। इसके लिए स्थानीय अधिकारियों द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है।
कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में 22 मार्च से लॉकडाउन कर दिया गया था जिसके चलते लोगों का जीवन एक तरीके से पूरी तरह से जैसे थम गया। ऐसा लग रहा था कि अब कुछ नहीं रह गया हो। लॉकडाउन के कारण रेलवे ट्रैकों के अलावा सड़कें भी सूनी हो गई थी। चौबीसों घंटे जगमग रहने के साथ यात्रियों से गुलजार रहने वाला मीरजापुर रेलवे स्टेशन भी सन्नाटे के साए में चला गया था। इसके कारण पूछताछ काउंटर से यात्रीगण कृपया ध्यान देने की आवाज व वेंडरों द्वारा चाय गरम-चाय गरम तथा पूड़ी सब्जी-पूड़ी-सब्जी की आवाज भी नहीं सुनाई दे रही थी लेकिन अब धीरे-धीरे फिर उसी तरह से पटरी पर पहले की तरह ट्रेन दौड़ने लगेगी। जीआरपी व आरपीएफ तथा टीटी कार्यालय, पार्सल कार्यालय भी खुलने लगेंगे।