गर्मी आ गई है, मई का महीना शुरू है। ऐसे में अगर फलों के राजा यानी आम की बात न हो, कुछ अधूरा सा लगता है। जी हां गर्मी के मौसम में नाम लेने मात्र से ही आम की खुशबू जेहन में उतर आती है। पिछले वर्ष तक यह हाल रहता था कि फल मंडी समेत शहर के सभी मोहल्लों में ठेले पर आम की कई किस्मों की खुशबू गमकती थी। इस बार कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है। ऐसे में आम की आवक कम है। यानी दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि कोरोना वायरस ने आम के कारोबार पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
आम पर भी कोरोना वायरस का साया मंडरा रहा
इस वर्ष आम पर भी कोरोना वायरस का साया मंडरा रहा है। लॉकडाउन के कारण दूसरे प्रांतों से न आने के कारण बाजार में तोतापरी और दशहरी आम ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। बैगन फली और गुलाब खास आमों की भी आवक बहुत कम है। तोतापरी तो गायब, दशहरी दिखाई भी दिए तो दाम आसमान छू रहे हैं। आयातित (वाशिंगटन) सेब भी नहीं आ रहा है।