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Post Office की इस योजना में, पति-पत्नी अकाउंट खोलकर 1,84,980 रुपये की कमाई सकते हैं, बंपर ब्याज मिल रहा है!

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यदि आप किसी ऐसी योजना की खोज कर रहे हैं जिसमें आपको प्रतिमाह नियमित राशि मिलती है, तो पोस्ट ऑफिस की एक शानदार योजना है। इस योजना में आप बिना किसी जोखिम के पैसा निवेश कर सकते हैं, और आपका निवेश पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। यह पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम के तहत आती है, जिसका नाम "मासिक आय स्कीम" (POMIS) है।

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मासिक बचत योजना में सिंगल और ज्वाइंट खाता खोला जा सकता है। इसमें आप एक बार निवेश कर सकते हैं और इसके बदले में आपको प्रतिमाह नियमित राशि मिलती रहती है। पोस्ट ऑफिस की एमआईएस की मैच्योरिटी पीरियड पांच साल है। सरकार ने इस योजना के तहत ब्याज में वृद्धि की है, जिसके अनुसार एक अक्टूबर से इस योजना पर 7.4 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। सरकार इस योजना में तिमाही आधार पर ब्याज में संशोधन करती है।

मासिक बचत योजना में निवेश सीमा

पोस्ट ऑफिस की इस योजना में सिंगल अकाउंट में 9 लाख रुपये और जॉइंट अकाउंट में 15 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है। इस स्कीम के अंतर्गत, आप मासिक निकासी कर सकते हैं और मैच्योरिटी पर आधारित होने पर बेसिक राशि भी निकाल सकते हैं। साथ ही, आप इसे 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं। प्रति 5 साल के बाद, आपको विकल्प होगा कि आप अपनी मौलिक राशि को निकालें या आगे बढ़ें। इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले ब्याज का भुगतान पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में होता है।

पांच लाख जमा करने पर कितनी कमाई होगी?

यदि आप इस योजना में पांच लाख रुपये निवेश करते हैं, तो आपको इस पर 7.4 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा। गणना के अनुसार, यदि आप पांच लाख रुपये निवेश करते हैं, तो हर महीने 3,083 रुपये की आमदनी होगी। इस प्रकार, 12 महीनों में आमदनी 36,996 रुपये होगी और पांच साल में कुल 1,84,980 रुपये की कमाई होगी।

जॉइंट एकाउंट होल्डर्स को कौन-कौन से फायदे हैं?

पोस्ट ऑफिस के नियमों के अनुसार, एमआईएस में दो या तीन व्यक्ति मिलकर ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं। ज्वाइंट अकाउंट के मामले में, सभी को बराबर का हिस्सेदारी मिलता है। हालांकि, अगर आप बीच में ज्वाइंट अकाउंट को सिंगल अकाउंट में बदलना चाहते हैं, तो आपको इसे कनवर्ट करवा सकते हैं। यदि एक साल से तीन साल के भीतर पैसा निकालते हैं, तो 2 फीसदी ब्याज काटकर राशि वापस की जाती है। तीन साल के बाद निकासी पर, जमा राशि का 1 फीसदी काटकर पैसा वापस किया जाएगा।

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