जिले में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सहमे हैं। शुक्रवार सुबह से गंगा के जलस्तर में चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। चेतावनी बिंदु के ऊपर बह रही गंगा ने घाटों को अपने आगोश में ले लिया। इधर जलस्तर बढ़ने को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ चुका है।
प्रभावित होने वाले इलाकों की निगरानी बढ़ा दी गई है। रेवतीपुर ब्लाक के आधा दर्जन गांव के बाहर गंगा का पानी पहुंच चुका है। जबकि इन इलाकों के सैकड़ों बीघा खेत डूब चुके हैं। वहीं सेवराई एसडीएम द्वारा निरीक्षण करने के साथ कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है।
बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर रखा है। गंगा के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि पर पैनी नजर रखी जा रही है। खतरे का निशान 63.105 है, दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया। जबकि चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर है। सेवराई संवाददाता के अनुसार गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सेवराई एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया ने तटवर्ती इलाकों का निरीक्षण किया।
उन्होंने तहसील क्षेत्र के हसनपुरा, विरउपुर, नसीरपुर एवं खुदरा पथरा सहित करीब आधा दर्जन गांव के बाहर पहुंचे गंगा के पानी को देखने के साथ स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि आपदा राहत के लिए बाढ़ चौकी व नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। जहां से तहसील क्षेत्र के संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों, गांव के लोगों को राहत सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
गंगा के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का पानी गांव के बाहरी तरफ सिवान में आ गया है। अत्यधिक बाढ़ प्रभावित गांव कल्याणपुर साधोपुर उर्फ रामपुर, गोपीनाथपुर, नारायणपुर उर्फ हरिहरपुर, गोविंदपुर, बेमुआ, नगसर नेवाजूराय आदि गांव के पास भी गंगा का पानी नहीं आया है। इससे आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
बाढ़ चौकी और राहत केंद्र से रखी जा रही नजर
गंगा के बढ़ते जल स्तर से आबादी के लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए बाढ़ चौकी और राहत केंद्र से नजर रखी जा रही है। बाढ़ चौकी और राहत केंद्र पर 24 घंटे शिफ्टवार कर्मचारियों की तैनाती की गई है। पशुओं के लिए चारा और पर्याप्त मात्रा में राहत पैकेट का बंदोबस्त किया गया है। पशु चिकित्सक एवं आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लोगों को आवश्यक दवाओं के वितरण करने का निर्देश दिया गया है।