गाजीपुर जिले में लगातार तीन दिनों तक हुई भारी बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में धान, बाजरा, चरी, आलू और पालक जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। रविवार को धूप निकलने से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन अब भी खेतों में घुटनों तक पानी जमा है। किसान गिरी हुई धान की फसल को तेजी से काट रहे हैं ताकि पानी में सड़ने से बचाया जा सके।
असमय बारिश से रबी फसलों पर भी खतरा
लगातार हुई इस बारिश का असर सिर्फ धान पर ही नहीं बल्कि आलू, बाजरा, पालक, मेथी और धनिया जैसी फसलों पर भी पड़ा है। खेतों में पानी भर जाने से मिट्टी पूरी तरह गीली हो गई है, जिससे किसानों को गेहूं की बुवाई में परेशानी हो रही है। जुताई के लिए खेतों की हालत अभी भी ठीक नहीं है।
खेतों में सड़ रही धान की फसल
कई जगहों पर किसानों ने जो धान काटकर खेतों में सुखाने के लिए रखी थी, वह भीग गई है और अब उसमें अंकुर फूटने लगे हैं। कुछ किसानों की आंशिक फसल बची है, लेकिन जिनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई, उनके सामने अब परिवार के भरण-पोषण की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
बाजार पर भी दिखेगा असर
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नुकसान का असर आम लोगों की जेब पर भी पड़ेगा। धान, बाजरा और हरी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी की संभावना है।
प्रशासन ने शुरू किया सर्वे
सैदपुर तहसीलदार हिमांशु सिंह ने बताया कि फसलों को हुए नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या अन्य सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
