गाजीपुर जिले में मोथा चक्रवात के असर से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बीती रात की तेज बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए — खेत अब तालाबों में बदल गए हैं और खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।
धान और बाजरा जैसी प्रमुख फसलें पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। कई जगहों पर धान कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन बारिश ने सबकुछ मिट्टी में मिला दिया। जिन किसानों ने रबी सीजन के लिए मटर और सरसों की बुवाई शुरू की थी, उनकी फसलें भी पानी में डूब गई हैं। बुवाई के लिए तैयार खेत अब दलदल में बदल गए हैं, जिससे आलू, सरसों और मटर की आगामी बुवाई पर बड़ा असर पड़ा है।
किसानों का कहना है कि इस बार का नुकसान पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ा है। तैयार फसलें बर्बाद होने और रबी की बुवाई रुकने से उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब हो जाएगी।
इस बीच, प्रशासन नुकसान का आकलन करने में जुट गया है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिनेश कुमार ने बताया कि मोथा चक्रवात का असर जिले की सभी तहसीलों में देखा गया है। नुकसान की सटीक जानकारी जुटाने के लिए राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं, जो जल्द सर्वे कर रिपोर्ट सौंपेंगी। प्रशासन ने किसानों को हरसंभव राहत देने का भरोसा दिया है।
