गाजीपुर जिले के गहमर स्थित भदौरा विकास खंड में गुरुवार और शुक्रवार को मोथा चक्रवात के असर से लगातार बारिश हुई, जिससे किसानों की धान और आलू की फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि राहत की बात यह रही कि हवा की रफ्तार धीमी रहने से खड़ी धान की फसल गिरने से बच गई।
गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे से शुरू हुई बारिश शुक्रवार तक रुक-रुक कर जारी रही। कहीं हल्की तो कहीं झमाझम वर्षा हुई, जिससे क्षेत्र में ठंड का असर बढ़ गया है।
कृषि विज्ञानी डॉ. शशांक के अनुसार, मौसम में यह बदलाव 2 नवंबर तक बने रहने की संभावना है। इस दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति धान, आलू और रबी फसलों की बुआई करने वाले किसानों के लिए नुकसानदेह हो सकती है।
डॉ. शशांक ने बताया कि जिन खेतों में धान की बालियां निकल रही हैं, उनमें तापमान गिरने से फसल के पकने में देरी हो सकती है। वहीं पक चुकी धान की फसल के डंठल को भी हल्का नुकसान पहुंच सकता है। आलू की बुआई वाले खेतों में पानी भर गया है, जिससे बुआई का काम रुक गया है। साथ ही मटर, चना और मसूर की बुआई पर भी असर पड़ा है। जिन खेतों में पहले से फसल लग चुकी है और पानी जमा है, उनके सड़ने का खतरा बढ़ गया है।
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने का प्रयास करें। वहीं स्थानीय किसान मुरली कुशवाहा, बबलू यादव, अनिल उपाध्याय, दीपक सिंह, अभिमन्यु सिंह और ब्रह्मानंद ने बताया कि लगातार बारिश और ठंडी हवाओं के कारण अब हल्की ठंड महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्षा के चलते अधिकतम तापमान में चार से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
