भारत में सोने की खरीदारी हमेशा से परंपरा का हिस्सा रही है, लेकिन अब यह सिर्फ आभूषण तक सीमित नहीं रही — बल्कि निवेश के लिए भी सोना लोगों की पहली पसंद बन गया है। इस साल सोने ने निवेशकों को उम्मीद से कहीं ज़्यादा रिटर्न देकर सबको चौंका दिया है, और इसी वजह से इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
सोने की तेजी और गिरावट की कहानी
2025 में अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का रुख किया। अप्रैल में ट्रंप टैरिफ विवाद के चलते 24 कैरेट सोने का भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था। इसके बाद दिवाली तक सोने की कीमतें ₹1,32,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गईं।
हालांकि, दिवाली के बाद से सोने और चांदी के भावों में तेज गिरावट देखने को मिली। शादी का सीजन करीब होने के बावजूद कीमतों में यह गिरावट निवेशकों और ग्राहकों दोनों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।
निवेश के लिहाज से सोना सेंसेक्स से बेहतर
लंबे समय के निवेश की बात करें तो सोने ने शेयर बाजार यानी सेंसेक्स से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले साल के अंत में जहां सोने की कीमत ₹70,000 से ₹80,000 प्रति 10 ग्राम के बीच थी, वहीं अब यह एक साल में लगभग ₹50,000 से ज़्यादा बढ़ चुकी है।
भविष्यवाणी: 2026 में आएगा बड़ा उछाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2026 में दुनिया एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर सकती है। इस स्थिति में सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है।
वित्तीय अस्थिरता के समय निवेशक आमतौर पर सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं — और यही कारण है कि सोने की मांग (Gold Demand) में भारी वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
अगर यह भविष्यवाणी सच होती है, तो 2026 तक सोने का भाव रिकॉर्ड तोड़ सकता है — और विशेषज्ञों के अनुसार यह ₹1.50 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
निष्कर्ष
सोना सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि अब भरोसेमंद निवेश का प्रतीक बन चुका है। जो निवेशक लंबी अवधि के लिए योजना बना रहे हैं, उनके लिए आने वाला साल यानी 2026, सोने में निवेश का सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।
