गाजीपुर के रेवतीपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बना एकमात्र आवासीय ट्रेनिंग सेंटर बंद पड़ा है। यह करीब तीन दशक पहले लाखों की लागत से बनाया गया है। यह स्वास्थ्य कर्मियों (जीएनएम/ एएनएम) के लिए निर्मित कराया गया था। आलाधिकारियों की उदासीनता के चलते यह आज भी बंद पड़ा है। यहां से प्रशिक्षण के लिए विभाग द्वारा उन्हें गैर जनपद वाराणसी भेजा जाता है।
मीरा राय,लक्ष्मी राय,नीतू गुप्ता, रिंकू देवी,गीतम यादव,गुडिया देवी आदि ग्रामीणों ने बताया कि अगर यह प्रशिक्षण केन्द्र का कायाकल्प कर इसे चालू कर दिया जाता तो विभाग के समस्त प्रशिक्षण इसी विकास खंड में होता।
लोगों ने बताया कि करीब 50 शैय्या वाले इस ट्रेनिंग सेंटर में महिलाओं के लिए दो मंजिला हॉस्टल,ट्रेनर व अन्य पुरुष कर्मचारियों के लिए भी चार शैय्या वाला दो मंजिला आवास,एक प्रधानाचार्य कक्ष,एक कार्यालय, एक ट्रेनिंग सेंटर हाल आदि का काफी पहले निर्माण कराया गया। जो हर सुविधाओं से सुसज्जित रहा,मगर देखरेख के अभाव में अब यह पूरा ट्रेनिंग सेंटर से जुड़े आवास,आफिस आदि पूरी तरह से जर्जर हो चुके है।
क्षेत्रीय लोगों ने तो यहाँ तक बताया कि इस स्वास्थ्य केन्द्र में समय समय पर जनप्रतिनिधि व जिले के आलाधिकारियों का आवागमन बना रहता है,बावजूद जिस तरह से इस बदहाल हो चुके जिले के एकमात्र ट्रेनिंग सेंटर की उपेक्षा जिम्मेदारों के द्वारा किया जा रहा है,वह समझ से परे है। लोगों ने कहा कि इसी उपेक्षा के चलते वर्षों पहले ट्रेनिंग सेंटर के आवास व आफिसों में रखे गए लाखों के कीमती सामान बर्बादी की भेंट चढ़ चुका है।
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया इसको लेकर पूर्व में कई बार लिखित व मौखिक तरीके से इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया,मगर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। सीएचसी अधीक्षक व प्रभारी अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि कुछ माह पूर्व इस ट्रेनिंग सेंटर का महकमा के उच्चाधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण किया गया है। बताया कि उम्मीद है कि इसका कायाकल्प कर इसे जल्द चालू कर दिया जाएगा।