सावन की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाने की परंपरा है। सावन की पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन का त्योहार 19 August, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई के लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई रक्षासूत्र बंधवाने के बाद बहन की रक्षा का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन पर बन रहा शुभ योग-
हिंदू धर्म में रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन रक्षा बंधन के दिन रवि योग भी पड़ रहा है। जिसके कारण इस दिन का महत्व बढ़ रहा है।
सावन मास की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा या कजरी पूनम भी कहा जाता है। राखी के त्योहार में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्राकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-
सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 03 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 19 अगस्त को 11 बजकर 55 मिनट PM तक रहेगी। उदयातिथि के हिसाब से रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2024
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 56 मिनट PM से शुरू होकर 09 बजकर 10 मिनट PM तक रहेगा। अमृत काल शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। राखी बांधने का सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 03 बजकर 04 मिनट से रात 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
राखी बांधने की विधि
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं।
- घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें।