जमानियां में पहले चरण कि चौदह किमी की 1200 सौ करोड़ कि लागत वाली ताडीघाट मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना को पीएमओ कार्यालय दिसम्बर 2022 में पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं कार्यदायी संस्था जल्द से जल्द निर्माण कार्यों को पूरा करने में जुटी है।
रेलवे परियोजना में अड़ंगा लगा रहा प्रशासन
मगर जिला प्रशासन के द्वारा नियमों कि दुहाई देकर परियोजना के लिए जरूरी करीब एक लाख तीस हजार एमक्यू मिट्टी खनन पर रोक लगा दी है। जिसके कारण कालूपुर गंगा किनारे और मेदिनीपुर सहित अन्य जगहों पर मिट्टी का कार्य पिछले तीन सप्ताह से ठप्प हो गया है।
इसको लेकर रेलवे व कार्यदायी संस्था में अफरातफरी मची है। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कार्यदायी संस्था के द्वारा मिट्टी खनन के लिए जरूरी ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मगर अभी तक जिला प्रशासन ने खनन कि अनुमति नहीं दी है।
धन्नजय सिंह, श्रीप्रकाश, मनोज, देवीशरण, अविनाश, शंम्भू आदि ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार जहां विभिन्न छोटी- बड़ी परियोजना को पूरा करने पर जोर लगाए हुए है। वहीं उसके खुद के द्वारा बनाए किए कानूनी प्रावधान उसी कि परियोजनाओं के आड़े आ रहे है। लोगों का कहना है कि अगर परियोजना को समय से पूरा करना है, तो अरबों कि इस परियोजना के लिए कानूनी प्रावधान में कुछ ढील देनी होगी ।
मिट्टी खनन पर रोक को लेकर आला अधिकारियों की बैठक
आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा ने बताया कि मिट्टी खनन पर जिला प्रशासन के द्वारा रोक लगाए जाने के बाद बीते 27 जून को लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के त्रिपाठी, आरवीएनएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनय सिंह, आरवीएनएल के एक्ज्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) कमल नयन आदि लोगों के परियोजना के बाबत बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने डीएम को दिए सख्त निर्देश
जिसमें मिट्टी खनन पर जिलाप्रशासन के द्वारा लगाई गई रोक का मुद्दा उठा। इसे गंम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने डीएम गाजीपुर को जल्द अनुमति देने का सख्त निर्देश दिया। सीपीएम विकास चंद्रा ने बताया कि उम्मीद है कि खनन को लेकर जिला प्रशासन से जल्द अनुमति मिल जायेगी।