Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

जिले में फर्जी प्रसूताओं को लेकर अस्पताल के फेरे लगा रही 102 एंबुलेंस सेवा

गाजीपुर जिले में 102 एंबुलेंस सेवा कागजों में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए खूब चक्कर लगा रही है। फर्जीवाड़ा के इस खेल में सेवा प्रदाता कंपनी से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हमसाज हैं। शासन के संज्ञान के बाद ब्लाक कोआर्डिनेटर सत्यापन में जुटे हैं। ट्रिपों की निष्पक्ष जांच में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की भी गर्दन फंस सकती है। हालांकि विभागीय अधिकारी इस मामले की लीपापोती में जुटे हैं।

जिले में गर्भवती और एक साल तक के बच्चे को अस्पताल पहुंचाने के लिए निश्शुल्क 102 एंबुलेंस सेवा संचालित है। जिले में 42 एंबुलेंस प्रसूताओं के लिए दौड़ रही है। गनपति वैकेटेश्वरा कृष्णन इमरजेंसी रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद (जीवेकी-ईएमआर) के माध्यम से इन एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। शासन से प्रदाता कंपनी को प्रति एंबुलेंस प्रतिदिन आठ महिला या बच्चे को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाना अनिवार्य किया गया है। इसके हिसाब से सरकार से कंपनी को निर्धारित भुगतान दिया जाता है। इसके अलावा मरीजों को छोड़ने पर अतिरिक्त भुगतान की भी व्यवस्था है। 

इसको लेकर सेवा प्रदाता कंपनी से चालक व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) पर प्रतिदिन 30 से 35 ट्रिप का दबाव डाला जाता है, जो चालक व ईएमटी कहना नहीं मानता उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। पीछे इसको लेकर हड़ताल भी हुई थी, जिसके बाद जिले से 31 कर्मचारियों को निकाल दिया गया। पूरे प्रदेश में कई हजार लोगों को निकाला गया है। इसके बाद ही एंबुलेंस चालक संघ ने फर्जीवाड़ा के खिलाफ आवाज न सिर्फ बुलंद की, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई। इसके बाद ही मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने सीएमओ से सात दिन में सभी ट्रिपों का सत्यापन आख्या मांगा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है। 

पीसीआर व डीबीआर खोलेगी से खुलेगा राज :

पेसेंट केयर रिकार्ड (पीसीआर) व ड्राप बैक रिकार्ड (डीबीआर) में मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने और उसे घर तक छोड़ने का पूरा रिकार्ड अंकित होता है। यह सारा रिकार्ड एंबुलेंस में रहता है। इसमें दर्ज नाम, पता व मोबाइल नंबर से मरीज के बारे में सबकुछ जानकारी मिल जाएगी।

एंबुलेंस संचालन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। सेवा प्रदाता कंपनी एंबुलेंस चालकों व ईएमटी पर नौकरी से निकालने का दबाव बनाकर फर्जी ट्रिप भरवाती हैं। इससे स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर ही इसकी जांच शुरू की गई है। जांच में काफी गड़बड़ियां सामने आएगी। - राहुल गुप्ता, अध्यक्ष एंबुलेंस चालक संघ। 

कुछ स्थानों पर फर्जी ट्रिप की शिकायतें मिली है, जिसका सत्यापन कराया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ad Space

uiuxdeveloepr