जमानियां क्षेत्र के अमनपुर से सोनवल निर्माणाधीन नए रेलवे स्टेशन तक जाने वाला मार्ग पिछले छह वर्षों से विभागीय व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का शिकार है। कई गांवों को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। इसके चलते इस मार्ग से आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है, कब वाहन अनियंत्रित होकर पलट जाए कुछ पता नहीं रहता है। मार्ग पर वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल से भी परेशानी होती है।
लोगों का कहना है कि बेहतर सड़कों की परिकल्पना साकार न होने से क्षेत्रवासी दुश्वारियां झेलने को मजबूर हैं। पिछले कई वर्षों से सड़कों की मरम्मत और निर्माण का कार्य न होने से सड़कों की हालत खराब हो गई है, बाढ़ प्रभावित इलाका होने से सड़कें और उधड़ी हुईं हैं।
सूबे की सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर सड़कों की दशा सुधारने का एलान किया था, कई जगहों पर निर्माण-मरम्मत का कार्य शुरू भी हुआ पर धीमी रफ्तार की वजह से कई इलाकों में आज भी आवागमन बड़ी समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात पूर्व कुछ मार्गों पर निर्माण कार्य शुरू हुए और कई पर मरम्मत की खानापूर्ति की गई। लेकिन पिछले मानसून में कार्य होने के बाद बारिश ने सब कुछ धो डाला।
शिकायतों के बाद भी अब तक कई मार्गों पर मरम्मत का कार्य तक शुरू नहीं हो सका है, मालूम हो कि सरकार सड़क की मरम्मत और निर्माण के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है। टूटी तथा जर्जर सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की पहचान बनी हुई है। इन मार्गों की दशा सुधारने की दिशा में अब तक ठोस पहल नहीं की गई है।
किसी के विकास की प्रगति को देखना हो तो वहां की सड़कों को देखकर इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है । इस मामले में प्रांतीय खंड के एक्सईएन राधाकृष्ण कमल ने बताया कि जल्द सडकों को दुरुस्त करा चलने लायक बना दिया जाएगा।