करीब 245 करोड़ की लागत से दो वर्ष पहले सीसी तकनीकी से बनकर तैयार हुई पडोसी राज्य बिहार को जोड़ने वाली 38.600 किमी लंबी ताड़ीघाट बारा नेशनल हाईवे जगह-जगह दरकने लगी है। निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था और संबंधित विभाग के खिलाफ सवाल खडे़ होने लगे है , ऐसी स्थिति मार्ग के अन्य विभिन्न जगहों पर देखी जा सकती है ।
विभाग के द्वारा अभी तक क्षतिग्रस्त जगहों की मरम्मत नहीं कराई है ,जिसके कारण मार्ग के और दरकने की आशंका बढ गई है । सीसी तकनीकी से बने इस मार्ग के निर्माण में शुरु से ही क्षेत्रीय लोगों ने मानकों की अनदेखी का आरोप लगाते रहे ,मगर जांच के नाम पर अधिकारियों के द्वारा कोरम पूरा किया जाता रहा ।
वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार ने इसके नवनिर्माण और चौडीकरण के लिए कैबिनेट के जरिए भारी भरकम बजट स्वीकृत किया ,ताकि इसकी बदहाली को दूर किया जा सके। दरकने वाली जगहों से वाहन गुजरते समय जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है ,मार्ग के बीच और किनारों पर सुरक्षित संचालन के लिए पेंट की बनाई गई सफेद पट्टी के निशान भी अधिकतर जगहों से गायब दिखाई हैं ।
रात के पहर पता ही नहीं चलता कि मार्ग का अन्तिम छोर कहां तक है ।इस नेशनल हाईवे समतल न होने से वाहनों के चलते समय उनमें अचानक उछाल आने से वाहनों के अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। क्षेत्रीय लोगों ने मांग की कि इस मार्ग के इतने जल्दी जबाब देने के लिए एक कमेटी बना इसकी जांच करा इसके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस सम्बन्ध में नेशनल हाइवे डिविजन वाराणसी के अधिशासी अभियंता एके सिंह ने बताया कि दरक रही सड़को की वजह जानने के लिए मौके पर मातहतों को भेजने के साथ ही जल्द ही इन जगहों की मरम्मत कराई जाएगी।