सेवराई तहसील होने के बाद भी यहां लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। मुस्लिम बाहुल्य गांव उसिया में पेयजल की सबसे बड़ी दिक्कत है। लोगों का कहना है कि अधिकांश सरकारी हैंडपंप खराब पड़े हैं। लोगों को काफी दुश्वारियां हो रहीं हैं।
उसिया के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके, इसके लिए कई दशक पूर्व में टंकी का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था। यह टंकी कुछ वर्षों में बनकर तैयार हो गई थी। लेकिन उसिया, मायापुरी, चिउटहा, पलिया, फरीदपुर के लोगों को पानी की इस टंकी से पानी नसीब नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों के मुताबिक टंकी की टेस्टिंग के समय ही पाइप लाइन में लीकेज हो गयी। लीकेज को ढूंढने के लिए कस्बे की सारी सड़कें खोद डाली गयीं। उसके बाद सड़कों की भी मरम्मत नहीं करायी गयी। जिससे उन सड़कों पर आवागमन प्रभावित है। लोगों ने बताया कि टंकी के लिए लगभग सैकड़ा घरों में कनेक्शन भी हो चुके हैं।
उसिया गांव निवासी मोहम्मद सरफुद्दीन खान, इजहार खान, शुएब, शमशाद खान, पूर्व ग्राम प्रधान जमालुद्दीन खान, खालिद, शफी आलम, तौसीफ, अकबर, पिंटू, अकरम खान, सुनील वर्मा आदि लोंगो ने बताया की टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है।
लोगों ने बताया कि आज पेयजल के लिए हमें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। घरों में कनेक्शन होने के बावजूद पेयजल आपूर्ति नहीं होने से हमें महंगे पानी की बंद बोतल खरीद कर पीना पड़ता है। रोजमर्रा के कामों के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है। अगर पानी टंकी कि मरम्मत कर इसे शुरू करा दिया जाए तो मुस्लिम बाहुल्य गांव उसियां सहित आसपास के गांव के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।
शम्स तबरेज खान उर्फ पिंटू ने बताया कि गांव में दशकों पूर्व बनी पेयजल टंकी की समस्या के बाबत उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। अनुमति मिलते ही जलापूर्ति के लिए सकारात्मक कार्य किए जाएंगे। गांव में खराब हैंडपंप के मरम्मत अथवा रीबोर का कार्य कराया जा रहा है।