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चैत्र नवरात्रि में इन बातों का अवश्य रखें ध्यान, ज्योतिषाचार्य से जानें मां दुर्गा की पूजन विधि

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक रहेंगे। व्रत का पारण 11 अप्रैल को है। नवरात्रि का मतलब है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना करते हुए रात्रि जागरण। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-

02 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट के बीच रहेगा। अगर किसी कारणवश देरी हो जाती है, तो दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट के बीच कलश स्थापना कर सकते हैं।

पूजा करते समय यह अवश्य ध्यान रखें: 

लाल या सफेद ऊनी आसन पर बैठकर ही पूजा करें। घर में दुर्गा की 3 प्रतिमा नहीं होनी चाहिए। साथ ही, दुर्गा पूजन में दूर्वा (जो गणेष जी को प्रिय है), तुलसी और आंवला (जो भगवान विष्णु को प्रिय है) का उपयोग नहीं होना चाहिए। माता को फूलों में केवल लाल सुगंधित पुष्प ही- जो उनको सर्वाधिक प्रिय हैं- अर्पित करें। इन्हें आक और मदार के फूल भी ना चढ़ाएं। बेला, केवड़ा, चमेली, कदम्ब, केसर, सफेद कमल, पलाश, अशोक, तगर, चम्पा, मौलसिरी, कनेर आदि चढ़ा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि मां दुर्गा की पूजा, उपासना, आराधना गीले कपड़ों में होने पर बिल्कुल भी न करें। देवी के मंदिर की केवल एक बार ही परिक्रमा करनी चाहिए। मां भगवती को अर्चना प्रिय है और भक्त उनसे हर प्रकार की सुरक्षा की याचना कर सकते हैं।

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