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गाजीपुर में देवी मंदिरों में आस्था का जमघट, सिद्धपीठों पर शुरू हुई पूजा

गाजीपुर में पूरे विधि विधान से शनिवार से वासंतिक नवरात्रि शुरू हुआ। घरों से लेकर मंदिरों में माता का दरबार सजाने के लिए शुक्रवार को अंतिम रूप दिया गया। शुक्रवार को बाजारों में पूजन सामग्री से लेकर माता के श्रृंगार के लिए वस्त्र, चूनरी, धूप दीप, नारियल, कलश की खरीदारी को लेकर भीड़ लगी रही। नगर के दुर्गा मंदिरों के अलावा गहमर स्थित मां कामाख्या धाम, रेवतीपुर धाम, करीमुद्दीनपुर स्थित कष्टहरणी भवानी समेत अन्य जगहों पर दिन भर मां का दरबार सजे दिखे। इस बार देवी व गौरी आराधना के लिए पूरे नौ दिन मिल रहा है।

पूर्वांचल के प्रसिद्ध शक्ति पीठ के रूप में विख्यात मा कामाख्या धाम चैत्र नवरात्रि के लिए सज चुका है। ज्ञात हो कि 2 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है। इस चैत्र नवरात्रि में मां के दर्शन हेतु यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है। इसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों सहित राज्यों हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि से असंख्य पर्यटक माता के दर्शन के अतिरिक्त प्रकृति की नैसर्गिक छटा का आनंद उठाने यहां पहुंचते हैं।

चैत्र में प्रकृति की भी होती है पूजा

सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा कालीधाम हरिहरपुर में पंचांग पूजन, भगवती का आह्वान व चंडी पाठ से नवरात्रि का शुभारंभ हुआ। महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति महाराज ने श्रद्धालुओं को वासंतिक नवरात्र का महत्व बताते हुए कहा कि यह समय माता भगवती की आराधना और उपासना के लिए शुभ माना जाता है। चैत्र में प्रकृति भी आह्लादित होती है। हर तरफ नए जीवन व नई उम्मीद का बीज अंकुरित होने लगता है। 

मालूम हो कि हर साल 4 नवरात्रि मनाए जाते हैं। लेकिन शारदीय व चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022, शनिवार से प्रारंभ होकर 11 अप्रैल 2022, सोमवार को समाप्त होंगा। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवित पूजा करने वाले भक्तों पर माता रानी अपनी कृपा दृष्टि सालभर रखती हैं।

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