बाल विकास परियोजना विभाग की लापरवाही के चलते पांच वर्ष बाद भी जमानियां क्षेत्र के कालूपुर गांव में आंगनबाडी केंद्र के भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया। उपलब्ध जरूरी मूलभूत सुविधाओं में से एक पेयजल,शौचालय, लाइट बत्ती,पंखा, फर्श आदि की व्यवस्था दूर-दूर तक नहीं हैं। यहां तक कि दरवाजे व खिड़कियां तक नहीं लगे हैं।
जिसके चलते बच्चों को धूल में ही बैठने को विवश होते है ,बावजूद विभाग मौन साधे है । ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह से जिम्मेदार लापरवाह बने हैं ,उसके चलते सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। मालूम हो कि बीते वर्ष 2017 में ब्लाक अन्तर्गत विभिन्न गांवों में 65 लाख की लागत से कुल 13 नये आंगनबाडी केन्द्र बनाए जाने के लिए शासन के द्वारा धनराशि अवमुक्त किए जाने के बाद निर्माण शुरू हो गया।
अधिकांश जगहों पर निर्माण पूरा हो गया ,जबकि कुछ एक जगहों पर आज भी आधा अधूरा पड़ा है ,दिवालों पर आज भी आगंनबाडी सम्बन्धित जानकारी अंकित नहीं है। ब्लाक अन्तर्गत कुल 203 केन्द्र है इन केन्द्रों में करीब 21 हजार नौनिहाल पंजीकृत है , बाल विकास विभाग के 31 केन्द्र खुद के भवन में है, जबकि 119 प्राथमिक, 12 माध्यमिक ,विद्यालय के अलावा 17 पंचायत भवन, जबकि 24 किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं ।
लोगों ने मांग किया कि अब तक निर्माण पूरा न होने के कारणों की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि विभाग गर्भवती माताओं, नौनिहालों को कुपोषण मुक्त रखने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि विभाग पुष्टाहार वितरण, टीकाकरण, वजन ,गोद भराई कुपोषण मुक्त को लेकर अभियान विभाग के द्वारा घर घर चलाने का दावा कर रहा है ,जो सिर्फ कागजों तक ही सिमित है।
सीडीपीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि अभी निर्माण केन्द्र का पूरा न होने की जांच की जाएगी। रहा सवाल कुपोषण को दूर करने का तो विभाग इसको लेकर गम्भीर है।