नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करने से खास कृपा बरसती है। इस दौरान लगभग हर घर में घट स्थापना या कलश स्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के नवमी के दिन होने वाले कलश पूजा के लिए बाजारों में ग्राहकों की भीड़ जुट गई है वहीं कुम्हारों के द्वारा ₹40 से लेकर ₹120 तक के कलश दिए जा रहे हैं।
सेवराई गांव निवासी पंडित निर्मल पांडेय ने बताया कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि मां दुर्गा जिससे भी प्रसन्न होती हैं, उस पर खास कृपा करती हैं।
कलश स्थापना पूजन विधि
पंडित कृष्णानंद पांडेय ने बताया नवरात्रि में कलश स्थापना से पहले मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें और एक लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस कपड़े पर थोड़े से चावल रखें। एक मिट्टी के चौड़े बर्तन में जौं बोयें। अब इस पात्र में पानी से भरा कलश रख दें। कलश पर कलावा बांधे। इसके अलावा कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें। अब इसमें अशोक के पत्ते या आम के पत्ते रखें और इसके ऊपर चुनरी लपेटकर एक नारियल रख दें। नारियल पर कलावा बांध लें। नारियल को कलश में रखते हुए मां दुर्गा का आह्वान करें। इसके बाद दीप जलाकर पूजा करें।
नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह 8 सिद्धियां हैं।
नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन अति उत्तम
सतराम गंज बाजार शिव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित इंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना अति उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन करने से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं।