जमानियां क्षेत्र का सोनहरिया जंगल करीब 35 वीघे में फैला हुआ है, यहां पिछले करीब पांच सौ साल पहले से इस जंगल में एक ही परिसर में एक तरफ हिन्दू आस्था का प्रतीक बाबा सिद्धनाथ मन्दिर ,तो बगल में ही मुस्लिम आस्था का प्रतीक शहीद बाबा की मजार है ।
इस जगंल में न तो कोई पेड़ काटता हैं और न ही इस जंगल से लकड़िया ले जाता हैं. जिसकी वजह से ये जंगल हमेशा भरा भरा बना रहता है। इस वन में तमाम तरह के बेशकीमती पेड़ और औषधि युक्त पेड़ भी हैं, जहां पर आयुर्वेद को जानने वाले लोग हमेशा यहां पर आते रहते हैं।
मान्यता है कि जंगल के चारों ओर क्षेत्रीय किसानों के खेत हैं और यदि कभी भी इस जंगल का पेड़ सूखकर या किसी वजह से टूट कर लोगों के खेतों में गिर जाता है तो लोग अपनी खेती उतनी जगह से पीछे कर लेते हैं। हिंदू समाज के सिद्ध नाथ बाबा का मंदिर जंगल के पहले छोर पर ही मिलता है, वहीं मुस्लिम समाज के शहीद बाबा का मजार जंगल के दूसरी छोर पर है।
स्थानीय निवासी प्रेमराजभर और मन्दिर के पुजारी श्री विनोद तिवारी बताते हैं कि आज भी सिद्ध नाथ बाबा और शहीद बाबा में मित्रता देखने को मिलती है। मान्यता है कि दोनों लोग रात्रि के समय इस जंगल के चारों और घूम कर इस जंगल की रक्षा करते हैं। जिसके वजह से इस जंगल के चारों और बसने वाले गांव का आज तक किसी भी प्रकार का अनिष्ट नहीं हो पाया है।
आस्था के इस दहलीज पर विगत दस वर्षों में कोई आयोजन नहीं किया गया और एक भी पौधा वन विभाग के तरफ से नहीं लगाया गया। वन क्षेत्राधिकारी वी पी चौबे ने बताया कि वह अभी नये आए है वन में पेडो को संरक्षित करने,पौधरोपण और आयोजन का प्रयास किया जायेगा।