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जनपद में 11 टीबी मरीजों को गोद लेकर इलाज की कवायद

आजादी के अमृत महोत्सव आईकोनिक वीक आफ हेल्थ अन्तर्गत राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 3 से 9 जनवरी के मध्य कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए क्षय रोग के प्रति जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया है। 

मंगलवार को मुख्य चिकित्साधिकारी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि 5 और 6 जनवरी को जनपद मुख्यालय पर स्कूल, कालेज, मदरसा, एनसीसी, एनएसएस के छात्रों का संवेदीकरण, 7 व 8 जनवरी को जनपद मुख्यालय पर प्रमुख धर्म गुरुओं का क्षयरोग विषय पर संवेदीकरण, 9 जनवरी को डीएमसी, ग्राम स्तर पर जनप्रतिनिधियों की बैठक, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठक, नुक्कड़ नाटक, मैजिक शो, अन्य जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।

सीएमओ ने बताया गया कि प्रधानमंत्री की ओर से 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का सपना है। केन्द्र सरकार ने नई स्वास्थ्य निति वर्ष 2017 में वर्ष 2025 तक क्षय रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। उप्र के राज्यपाल महोदया की ओर से सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियो को 18 वर्ष तक के टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया गया है। राज्यपाल द्वारा स्वयं 21 टीबी मरीजों को गोंद लिया गया है। इस जनपद में वर्ष 2021 मे कुल 11 टीबी मरीजों को गोंद लिया गया है। बताया गया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य टीबी रोग से मृत्यु दर मे 90 प्रतिशत कमी वर्ष 2025 तक करना है।

टीबी के नये रोगियों में 80 प्रतिशत की कमी करना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग के सम्भावित लक्षणों में दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी होना, दो सप्ताह या उससे अधिक समय से बुखार आना, वजन में लगातार कमी आना, भूख का न लगना, सीने मे दर्द होना है। बलगम की जांच, एक्स-रे, सीबी नाट व टूªनाट जांच, कल्चर व ड्रग सेन्सटीविटी जांच शामिल है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरगोविन्द सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डीपी सिन्हा, डा. एमके सिंह, क्षय रोग अधिकारी आदि उपस्थित थे।

टीबी के इलाज को बेहतर इंतजाम

सीएमओ के अनुसार क्षय रोग विभाग में सभी जांच उपलब्ध हैं, इसमे 32 जगहों पर माइक्रोस्कोपी जांच, टीबी मरीजों की सुविधा के लिए कुल 19 टीबी यूनिट स्थापित किये गये हैं, जो जनपद के सभी तहसील व ब्लाक सीएचसी, पीएचसी में स्थित है। इस जनपद में एमडीआर मरीजों के लिए डीआरटीबी सेन्टर वार्ड, 4 बेड का जिला चिकित्सालय में खोला गया है। इसमें 2 बेड महिला और 2 बेड पुरुष के लिए आवंटित है। साथ ही 2 सीबी नाट जांच लैब है, जो जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद में कार्यरत है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि सभी टीबी मरीजों को पोषण योजना अन्तर्गत प्रतिमाह 500.00 का इनसेन्टिव डी बीटी के माध्यम से भुगतान किया जाता है। 

जब तक मरीज की टीबी की दवा चलती है। टीबी मरीजों की सूचना देने वाले को भी इन्फार्मन के रूप में 1000.00 का इनसेन्टिव भुगतान किया जाता है। इसमें कोई भी हो सकता है। साथ ही पूरे वर्ष में दो बार सक्रिय टीबी खोज अभियान चलाया जाता है। इसमें घर-घर जाकर टीबी के लक्षण पूछे जाते हैं। जिला कारागार, बाल सुधार गृह, अनाथालय, वृद्धाश्रम, मदरसे, ईट भट्ठा, सब्जी व फल मण्डी, लेबर मार्केट, मलीन बस्ती, मुर्गा, मछली मण्डी आदि जगहों पर भी सक्रिय टीबी खोज अभियान चलाया जाता है। वर्ष 2021 में टीबी खोज अभियान में खोजे गये मरीजो की संख्या 105 तथा गाजीपुर में कुल एमडीआर की संख्या वर्ष 2021 में माह जनवरी से अब तक 125 है।

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