प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में जरूरत के आधार पर अब मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता के साथ सहायक व अवर अभियंता होंगे। इसके लिए विकास प्राधिकरणों में अभियंताओं का कॉडर नए सिरे से निर्धारित किया जा रहा है। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक 200 से अधिक अभियंताओं के पद बढ़ने संभावना है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
प्रदेश में मौजूदा समय 32 विकास प्राधिकरण हैं। इन विकास प्राधिकरणों में अभियंताओं का कॉडर सालों से निर्धारित नहीं हुआ है। सालों पहले शहर की आबादी कम थी और अभियंताओं की जरूरतें भी कम थीं। इसके चलते कम अभियंताओं में भी काम चल जाता था। मौजूदा समय शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। आबादी बढ़ने के साथ अवैध निर्माण भी तेजी से बढ़ रहे हैं। विकास प्राधिकरणों के पास अभियंत्रण का काम अधिक हो गया है। इसके चलते अभियंताओं के मौजूदा पद कम पड़ रहे हैं। इसीलिए उच्च स्तर पर अभियंताओं के पदों का निर्धारण नए सिरे से तय करने पर सहमति बनी है।
आवास विभाग ने इसके लिए प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों से अभियंताओं के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। उनसे पूछा गया है कि उनके यहां कितने अभियंता हैं और कितने पदों की जरूरत है। विकास प्राधिकरणों के पूरी जानकारी मिलने के बाद नए सिरे से पदों का निर्धारण किया जाएगा। इसमें अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंताओं के पदों का निर्धारण होगा। अधिशासी, अधीक्षण और मुख्य अभियंता के पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। अवर व सहायक अभियंताओं के पदों पर नई भर्तियां होंगी। इससे विकास प्राधिकरणों में रोजगार के द्वार भी खुलेंगे और विकास प्राधिकरणों को काम में आसानी भी होगी।