शहर के प्रमुख स्थानों पर प्रतिदिन कूड़े का ढेर लगा रहता है। इसके निस्तारण में आये दिन लापरवाही बरती जा रही है। घरों से निकलने वाले कूड़े को सफाईकर्मी मुख्य सड़कों के किनारे डालकर छोड़ देते हैं। इसके चलते राहगीरों सांस लेना तक दूभर हो जाता है। आवागम में भी मुश्किल होती है। शहर में जगह-जगह सकड़ किनारे कूड़े का ढेर देखा जा सकता है। इसकी बराबर शिकायत किये जाने के बावजूद कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं ला रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन भी इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा।
शहर के सिटी रेलवे स्टेशन से लेकर फुल्लनपुर को जाने वाली सड़क किनारे अक्सर कूड़े का ढेर देखा जा सकता है। इसके उठान का कोई निश्चित समय व दिन नहीं है। इधर से प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आवागमन होता रहता है। इसके समीप में सब्जी की दुकान भी लगती है, जहां लोग खरीदारी के लिए आते हैं। पर इन सभी लोगों को दुर्गंध के बीच सब्जी व अन्य सामानों की खरीदारी करनी पड़ती है।
यहां सब्जी बेचने वाले शिवशंकर बिंद ने बताया कि यहां कूड़ा उठता तो है, पर इसका कोई नियम नहीं है। जब मन में होगा, तो उठाया जायेगा, वरना इसी तरह पड़ा रहता है। हम लोगों को भी इसी दुर्गंध के बीच बैठक कर सब्जी बेचना पड़ता है। इससे संक्रामक रोग की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। जबकि यहां लगने वाले कूड़े के ढेर को लेकर शहर के एक चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता ने कई बार नगर पालिका से लड़ाई लड़ी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। यहां तक कि इसके प्रति चलाये गये आंदोलन को लेकर डीएम का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया, फिर भी कोई पहल नहीं की गयी।