ओमिक्रोन के बढ़ते प्रसार को देखते हुए आज से फ्रंटलाइन वर्करों को बूस्टर डोज लगाई जाएगी। इसकी सारी तैयारियां रविवार की सायं तक पूरी कर ली गई। जिले में 68 हजार फ्रंटलाइन वर्करों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें बूस्टर डोज लगाई जानी है। इसके बाद मतदानकर्मियों व गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगेगी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उमेश कुमार ने बताया कि बूस्टर डोज के लिए चिह्नित कर्मचारियों को पंजीकरण नहीं कराना होगा। बूस्टर डोज उन्हीं लोगों को लगाई जाएगी, जिन्हें दूसरी डोज लगवाए नौ महीने हो चुके हैं। प्रिकॉशन डोज के लिए इस समूह के लोगों को कोविन एप पर फिर से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। वे अपने पुराने कोविन अकाउंट से ही कुछ जरूरी स्टेप फॉलो करने के बाद तीसरी प्रिकाशन डोज के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। कोविन एप पर पहले से मौजूद बुजुर्गों, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के नाम और डेटा ही इसके लिए काफी होंगे।
इसी डेटा पर यह एज ग्रुप वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। आरोग्य सेतु एप और उमंग एप पर भी स्लॉट बुकिग की जा सकेगी। इसके अलावा वैक्सिनेशन केन्द्रों पर भी पंजीयन कराया जा सकता है। प्रिकॉशन डोज साठ साल से अधिक उम्र के केवल उन्हीं लोगों को लगाई जानी है जो एक से अधिक बीमारियों से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कोमार्बिडिटी के तहत आने वाली 22 बीमारियों की लिस्ट जारी की है। साठ साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को प्रिकॉशन डोज लेने के लिए डाक्टर से कोई सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि गंभीर रूप से बीमार लोगों को डोज लेने से पहले डाक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।
डाक्टर का पर्चा अनिवार्य
डा. उमेश कुमार ने बताया कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाने से पहले अपने डाक्टर से इसकी अनुमति लेनी होगी। बुजुर्ग जिस डाक्टर (भले ही वह प्राइवेट ही क्यों न हों) से उपचार करा रहे हैं, उनसे पर्चे पर लिखवाना होगा कि कोरोनारोधी टीका लगाया जा सकता है। टीकाकरण के समय बूथ पर डाक्टर का पर्चा देखा जाएगा।