ठंड का कहर जारी है। इसके चलते लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हो गयी है। गलन व ठंड के चलते लोग घरों में देर तक दुबके रहने को विवश हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी ठंड से परेशान हाल हैं। पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। गलन भरी ठंड में लोग बाहर निकलने की बजाय घरों में ही दुबके रहना मुनासिब समझ रहे हैं।
जनवरी का महीना शुरू हो गया है और ठंड अपने शबाब पर है। पारा लुढ़क कर 18 से 12 डिग्री तक आ पहुंचा है। वहीं न्यूनतम पारा भी गिरकर 8 डिग्री तक जा पहुंचा है। घने कोहरे के चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम सी गयी है। रोडवेज से लगायत रेल परिचालन भी इससे काफी प्रभावित दिख रहा है। यात्रियों को घंटों तक बसों व ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है।
सार्वजनिक स्थानों पर सुबह यात्रियों की भी संख्या होने से सवारी ढोने वाले चालक घंटों इधर से उधर तफरी मारने को विवश हैं। शाम होते ही ठिठुरन इतनी बढ़ जा रही है कि शाम सात बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। ठंड की वजह से पारा में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले कुछ दिनों तक इससे राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है, बल्कि बारिश की भी संभावना जतायी जा रही है। गलन के चलते कई जगह सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को ब्लोवर, हीटर व अलाव तापते देखा गया। विकास भवन चौराहा के समीप पीरनगर पावर हाउस में विद्युतकर्मी अलाव जलाकर तापते रहे।
वहीं नगर पालिका कार्यालय में हीटर लगाकर कर्मचारी काम करते देखे गये। विकास भवन में भी अधिकारी व कर्मचारी ब्लोवर व हीटर जलाकर काम-काज निबटाने में मशगूल रहे। बढ़ती ठंड को देखते हुए चिकित्सक भी इससे बचाव की बराबर सलाह दे रहे हैं। ठंड व गलन से बचने के लिए गर्म कपड़ों से अपने तन को ढके रहने के प्रति सचेत किया जा रहा है। खाद्य पदार्थों का सेवन करने में भी सावधानियां बतरने की सलाह दी जा रही है।