दशाश्वमेध घाट व शीतला घाट के रास्तों को जोडऩे वाला स्थल दशकों से खंडहर बना था। अवैध तरीके से मल्टी स्टोरी बाजार बनाने की प्रक्रिया को कानूनी दांवपेच से रोक दिया गया था। खंडहर में ही वीडीए की अनुमति से वाहन स्टैंड संचालित होता था, उसी स्थान पर दशाश्वमेध प्लाजा निर्माण का प्रस्ताव बना।
पहले पिंक बाजार का नाम दिया गया। अब उसे दशाश्वमेध प्लाजा के नाम से बुलाया जा रहा है। यहां पर एक ही स्थान पर बनारसी पान से लेकर बनारसी साड़ी तक की दुकानें होंगी। अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। कार्य को गति देने के लिए दिन-रात निर्माण कार्य हो रहा है।
एक नजर में परियोजना
- 22 करोड़ की लागत
- नंवबर 2020 में कार्य प्रारंभ
- नंवबर 2021 में कार्य करना था पूरा
- विलंबित कार्य से एक माह की बढ़ी मोहलत
- कार्यदायी विभाग वीडीए, कार्यदायी कंपनी लखनऊ की चिनमय कंस्ट्रक्शन
- तीन मंजिला कांप्लेक्स में सीढिय़ों के साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए लिफ्ट व एस्केलेटर
- भूतल पर पर्यटकों के बैठने के लिए स्टोन फ्लोरिंग व पाथवे
- पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से हरियाली के भी इंतजाम
- लोअर ग्राउंड फ्लोर पर 68, अपर ग्राउंड फ्लोर पर 42 फूड कोर्ट
- बेसमेंट का पुनर्विकास करते हुए 72 दुकानों का प्रविधान
- अन्य प्रयोजन के लिए स्थल आरक्षित
स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने रोका
स्मार्ट सिटी के तहत चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे चल रहे निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी का मामला प्रकाश में आया है। रोडवेज बस स्टेशन के सामने पिलरों के बीच रेलिंग उठाए जाने से खफा क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी ने आपत्ति जताई। वही, कर्मचारियों को काम रोकने का निर्देश दिया। मौक़े पर पहुंचे स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता और परियोजना प्रबंधक को उन्होंने भविष्य में होने वाली परेशानी से अवगत कराया। मुख्य अभियंता अमरेंद्र कुमार ने आरएम से वार्ता कर समाधान निकालने का अश्वासन दिया।
केके तिवारी ने कहा कि बस स्टेशन के निकासी और प्रवेशद्वार के सामने रास्ता बंद होने से राहगीरों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं, क्षेत्र में यातायात की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बताया कि सामने पिलर खुला होने से बस और यात्रियों का दबाव बट जाता है। बताया रोडवेज की बड़ी गाडियां कैंट डिपो स्थित फ्यूलिंग पंप पर डीजल लेने आती है। सामने रास्ता बंद होने समस्या उत्पन्न होगी।