त्रिलोकपुर ग्रामसभा के अवकल राजभर बस्ती में शुक्रवार की देर शाम अज्ञात कारण से आग लग गयी। इसमें दो लोगों की तीन रिहायशी झोपडियां जलकर खाक हो गयी। जहां दो बकरी, सहित घर गृहस्थी का समान, जानवरों का चारा, कपड़ा, दस हजार नगदी, खलीहान में रखें धान के करीब 100 बोझ आदि सामान जमकर स्वाहा हो गये। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत कर करीब दो घंटे बाद रात करीब दस बजे आग पर काबू पाया।
लेकिन तब तक सब सामान आग की लपटो की भेंट चढ़ गयी। ग्रामीणों द्वारा थाना पुलिस व राजस्व कर्मियों को सूचना दी, मगर कोई भी मौके पर पहुंचने की जहमत नहीं उठा सका। पीड़ित बहादुर राजभर ने बताया कि वह भोजन करने के बाद अपने परिजनों संग झोपड़ी में सोने चला गया। इसी दौरान शोर की आवाज आने पर जब वह बाहर निकल देखा तो उनके पडोसी मिट्ठू राजभर की झोपड़ी धू-धूकर जल रही थी। वह कुछ सोचता इसके पहले ही छटकी चिंगारी ने उसके भी रिहायशी झोपडी को अपनी आगोश में ले लिया। किसी तरह वह अपने महिलाओं, बच्चों को बाहर निकाल सका।
आग की लपटें इतनी तेज थी कि पास जाने की कोई जहमत नहीं उठा पा रहा था। पीड़ित बहादुर राजभर ने बताया कि इस अगलगी में उसकी दो रिहायशी झोपड़ी, दो बकरी घरेलू सामान, विद्युत उपकरण, कागजात, खाद्यान्न जबकि उसके पड़ोसी का एक झोपड़ी व घर गृहस्थी का सामान चारा आदि जलकर राख हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना में पीड़ित परिजनों को जल्द सरकारी सहायता पहुंचाई जाए, ताकि ठंठ के मौसम में उन्हें राहत मिल सके। साथ ही उच्चाधिकारियों से मांग की कि सूचना के बावजूद घटनास्थल पर नहीं पहुंचने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाय।