जिले के ग्रामीण इलाकों में रिवैंप योजना के तहत जर्जर तारों को बदलने का कार्य धीमी गति से चल रहा है। कुल 415 गांवों में से अब तक 31 गांवों में ही तार बदले जा सके हैं। वहीं शहर में तार बदलने के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना कर भेजा गया है जिसे अभी मंजूरी नहीं मिली है। स्थिति यह है कि शहर के सबसे व्यस्त इलाके स्टेशन रोड, महुआबाग और मिश्र बाजार में बिजली के जर्जर तार बांस की फट्टियों के सहारे लटक रहे हैं। स्पार्किंग से तार के टूट कर गिरने की घटनाएं होती हैं जिससे खतरे की आशंका बनी रहती है।
शहर के अधिकतर इलाकों में वर्षों पहले लगे तार जर्जर हो चुके हैं। बार-बार टूट चुके तारों को जोड़ कर काम चलाया जा रहा है। शहर के स्टेशन रोड, महुआबाग, मिश्र बाजार, सहकारी कालोनी आदि स्थानों पर ढीले हो चुके तार बांस की फट्टियों के सहारे लटक रहे हैं तो कहीं तार इतना नीचे झूल रहे हैं कि बड़े वाहनों में फंसकर टूटने की आशंका बनी रहती है।
स्टेशन रोड पर बिजली के तारों के बीच में लगी फट्टियां कई जगहों पर सड़ गई हैं। ऐसे में स्पार्किंग होने पर तार टूट कर गिरने का डर बना रहता है। मिश्र बाजार में तार इतने नीचे लटक रहे हैं कि सामान लदे वाहनों के गुजरने के दौरान खतरे की आशंका बनी रहती है। विद्युत विभाग की ओर से बीते अक्तूबर में शहर में तार बदलने के लिए करीब 500 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। बिजली विभाग की मानें तो प्रस्ताव मंजूर होने के बाद धनराशि उपलब्ध होते ही शहर में जर्जर तारों को बदलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों का भी है। रेवतीपुर, मेदनीपुर, युवराजपुर आदि गांवों में तार इतने नीचे लटक रहे हैं कि हाथ उठाकर उसे छुया जा सकता है। इन स्थानों पर गुजरने वाले वाहनों में तार फंस कर टूटने का डर बना रहता है। हालांकि रिवैंप योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर तारों को बदलने का काम किया जा रहा है लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है। चिह्नित 415 गांवों में तार जाने हैं लेकिन अभी तक सिर्फ 31 गांवों में ही तार बदले जा सके हैं। जबकि यह कार्य मार्च, 2021 में शुरू हुआ था। अभी 49 गांवों में तार बदलने का काम चल रहा है। योजना के मुताबिक जुलाई, 2022 तक सभी गांवों के तार बदलने का कार्य हो जाना है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ओर से एक हजार से ज्यादा आबादी के गांवों में खुले तारों को बदलने का काम कराया जा रहा है। जिले में एडीबी की ओर से 415 गांवों में जर्जर तारों को बदला जाएगा।
बिजली विभाग की ओर से रिवैंप योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के तार बदलने का काम चल रहा है। शहरी क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही यहां भी काम शुरू कर दिया जाएगा।